इंदौर के लसूडिया थाना इलाके में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का नाम लेकर एक बड़ी साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। ठगों ने आरओ प्लांट के लिए सौंपे गए दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर एक कारोबारी से लाखों रुपये ठग लिए। मामले की जांच क्राइम ब्रांच तक पहुंचने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर FIR दर्ज की गई है।
एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक, पीड़ित लोकेन्द्र सिंह तोमर, जो आरओ प्लांट से जुड़े व्यवसाय से जुड़े हैं, ने 24 दिसंबर को शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में कॉल करने वाले ठग और संबंधित बैंक खाते के धारक के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है।
पुलिस कर रही नेटवर्क और खातों की जांच
पीड़ित के अनुसार, 6 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच लगभग 18 लेनदेन किए गए। यह राशि लोकेन्द्र और उनकी पत्नी के खातों सहित विभिन्न खातों से ट्रांसफर कराई गई। कुल मिलाकर ठगों ने 5 लाख 18 हजार रुपए से अधिक की ठगी की।
जब पीड़ित ने इस मामले पर अपने रिश्तेदारों से बात की, तो उन्हें ठगी का अंदाजा हुआ। इसके बाद उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी साइबर सेल और पुलिस को दी।
साइबर सेल में शिकायत के मिलने के बाद, एडिशनल एसपी के आदेश पर लसूडिया थाने में FIR दर्ज की गई है। पुलिस अब कॉल डिटेल्स, बैंक खातों और पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।
प्रोसेसिंग फीस के बहाने ठगी
लोकेन्द्र तोमर का एसबीआई में खाता है। उन्होंने पीएम मुद्रा योजना के तहत पानी के प्लांट के लिए गुरुकृपा आरओ वाटर के नाम से पीएनबी बैंक में लोन से संबंधित दस्तावेज जमा किए थे। 4 दिसंबर को पंकज भदौरिया नामक व्यक्ति ने कॉल किया और खुद को पीएम मुद्रा लोन विभाग का कर्मचारी बताते हुए दस्तावेज व्हाट्सएप पर मंगवा लिए। अगले दिन आरोपी ने जियो पेमेंट बैंक का लिंक भेजकर प्रोसेसिंग फीस के रूप में 8,800 रुपए जमा करवा लिए। इसके बाद विभिन्न बहानों जैसे चार्ज, टैक्स और फाइल क्लियरेंस के तहत लगातार अलग-अलग मदों में रकम की मांग की जाती रही।









