डॉक्टर पुष्पा जैन (Dr. Pushpa Jain) सरल स्वभाव, सहृदय, सादगी, मिलनसारिता एवं सर्वधर्म हितग्राही महिला है। डॉक्टर पुष्पा जैन भक्तामर महास्तोत्र के माध्यम से असाधारण रोगों का उपचार कराती है और इसी के साथ ही इन्होंने जैन गर्भ संस्कार के द्वारा जैन समाज (Jain Society) की महिलाओं की सफलता के साथ मिलकर संस्कार शिविर द्वारा संस्कारित करने में खास उपलब्धि हासिल की है। डॉक्टर पुष्पा जैन सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र के साथ एक बहुत अच्छी साहित्यकार एवं कवियत्री (Poetess) भी है। इनकी कविताओं में से एक कविता ‘वृद्धावस्था एक वरदान, ना कि अभिशाप’ बेहद लोकप्रिय एवं सराहनीय कविता है। इनकी इस कविता को ऑनलाइन पोर्टल (Online Portal) पर पुरुस्कृत किया गया है।
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डॉक्टर पुष्पा जैन की इतनी उत्कृष्ट सेवा को देख कर जैन इंटेलेक्चुअल सोशल आर्गेनाईजेशन ने इनका जैन-गौरव पदवी से सम्मान किया गया। इस अवसर पर सर्वश्री डी. के. जैन (रिटायर्ड डी. एस. पी) और भक्तामर आराधक श्री प्रवीण जी जैन ने पुष्पा जैन सम्मान पत्र देकर इनका सम्मान किया गया। सम्मान पत्र का वाचन जयेश कोठारी द्वारा किया गया।
संस्था के चेयरमैन श्री रोहित जी रांका एवं प्रभारी सचिव श्री सचिन जी छाजेड़ ने भी डॉक्टर पुष्पा जैन को शुभकामनाएं दी है।
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