Indore : होलकर साइंस में इन चीज़ो से तैयार की जा रही ग्रीन मेन्योर और वर्मी कंपोस्ट खाद, कॉलेज के गार्डन में होता है इस्तेमाल

इंदौर। बेस्ट फ्रॉम वेस्ट (Best From Waste) के मैसेज के साथ होलकर साइंस कॉलेज (Holkar Science College) द्वारा अपने कॉलेज परिसर में कई प्रयोग किए जा रहे हैं जिसमें कॉलेज के बॉटनी विभाग द्वारा कॉलेज के पेड़ पौधों से गिरने वाली पत्तियों और अन्य कूड़े से वर्मि कंपोस्ट खाद तैयार की जा रही है। इस खाद का इस्तेमाल होलकर साइंस कॉलेज में पेड़ पौधों और गार्डन में किया जाता है, जिससे पौधों के पोष्टिक गुणों को भरपाई होती है। वहीं रसायनिक खाद के इस्तेमाल पर रोक लगती है।

इस तरह तैयार की जाती है खाद

होलकर साइंस कॉलेज (Holkar Science College) के प्राचार्य डॉ सुरेश टी सिलावट और बॉटनी विभाग की एचओडी संजीदा इकबाल ने जानकारी देते हुए बताया की कॉलेज के गार्डन और अन्य पौधों से निकलने वाली पत्तियों को एकत्रित कर एक एक लेयर बनाई जाती है, इसके ऊपर दूसरी लेयर गोबर की बिछाई जाती है, इसके बाद इसमें नमी बनाने के लिए केचुए डाल दिए जाते है, जो इसे वर्मि कंपोस्ट में बदल देते है।

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गर्मी और सीधे धूप में आने के संपर्क से बचाने के लिए इन बैग्स के ऊपर टीन के शेड तैयार किए गए है। इस खाद को बॉटनी विभाग के स्टूडेंट्स द्वारा कॉलेज के प्रोफेसर के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है, इस खाद को स्टूडेंट कॉलेज में आयोजित मेले में अन्य विभाग को बेच देते है। खाद को बनाने के लिए कॉलेज में स्टूडेंट को प्रेक्टिकल और थियोरेटिकल रूप से प्रोफेसर द्वारा समझाया जाता है।

गूढ़, बेसन और अन्य चीजों से ग्रीन मेन्योर तैयार किया जाता है

इसी के साथ ग्रीन मेन्योर बनाने के लिए कॉलेज दो बड़ी मशीन भी उपलब्ध करवाई गई है। जिसमे पत्तियां डालने पर उन्हें बारीक पीसकर इसमें माइक्रोविल कल्चर, पानी, गूढ़, बेसन, छाछ, गोबर और अन्य चीजों को मिलाकर ग्रीन मेन्योर तैयार किया जाता है।

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रसायनिक खाद को जगह होता है इसका इस्तेमाल कॉलेज के गार्डन में

विभाग द्वारा इस खाद का इस्तेमाल कॉलेज परिसर के गार्डन और अन्य पौधों को देने के लिए किया जाता है, अभी तक विभाग द्वारा कई बैग्स तैयार कर इस खाद का इस्तेमाल कॉलेज परिसर में किया जा चुका है, इन बैग्स को तैयार करने में लगभग 2 महीने का समय लगता है।