इंदौर शहर अध्यक्ष के पदभार ग्रहण के बाद अब शहर कांग्रेस कमेटी के गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी गई है। दिल्ली से प्राप्त निर्देशों के अनुसार अध्यक्ष को एक माह के भीतर अपनी नई टीम तैयार करनी होगी। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इसके लिए 13 से 26 सितंबर के बीच अलग-अलग स्थानों पर जिला समन्वय समिति की बैठकें आयोजित की जाएंगी।
बैठकों में जिला कार्यकारिणी के गठन, मतदाता सूची के सत्यापन और जिला कार्यालय की स्थापना जैसे संगठनात्मक मुद्दों पर विचार किया जाएगा। इसी दौरान ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति पर भी चर्चा होगी।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कार्यकारिणी में सभी विधानसभा क्षेत्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हर क्षेत्र से कार्यकर्ताओं को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं। अनुमान है कि लगभग 40 दिनों में जिला कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। शहर कांग्रेस अध्यक्ष चिंटू चौकसे ने कहा कि पहले बूथ, वार्ड और ब्लॉक स्तर पर संगठन खड़ा किया जाएगा, उसके बाद शहर कार्यकारिणी का गठन होगा।
सूत्रों के अनुसार जिला कार्यकारिणी के गठन में किसी एक व्यक्ति या क्षेत्र का दबदबा नहीं रहने दिया जाएगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से 20-20 कार्यकर्ताओं का चयन किया जाएगा। इन्हीं में से उपाध्यक्ष, महासचिव, सहसचिव, कोषाध्यक्ष और मीडिया व इंटरनेट मीडिया विभाग के अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे। साथ ही सभी इकाइयों में अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और महिलाओं को अनिवार्य रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।
जंबो कार्यकारिणी से कांग्रेस संगठन में मचा था हड़कंप
कार्यालय सूत्रों के मुताबिक 2006-07 में जब प्रमोद टंडन ने शहर अध्यक्ष का पद संभाला था, तब उन्होंने इंदौर कांग्रेस की परंपरागत व्यवस्था में बदलाव करते हुए अब तक की सबसे बड़ी कार्यकारिणी बनाई थी। उस दौरान टंडन ने करीब 650 पदाधिकारियों वाली जंबो कार्यकारिणी की घोषणा की थी।
बाद में 2017-18 में, जब प्रमोद टंडन पूर्णकालिक अध्यक्ष और विनय बाकलीवाल कार्यवाहक अध्यक्ष थे, तब भी कार्यकारिणी का गठन किया गया। यह इंदौर कांग्रेस के इतिहास की सबसे बड़ी कार्यकारिणी मानी गई। उस समय टंडन और बाकलीवाल ने 1350 सदस्यों की मेगा जंबो कार्यकारिणी की घोषणा की थी, जिसका पूरे देश में उपहास किया गया था।
इस रणनीति से होगा कार्यकारिणी का गठन
- वे कार्यकर्ता जो नियमित रूप से पार्टी का काम संभालते हैं, कार्यालय में उपस्थित रहते हैं और संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
- जो कार्यकर्ता निगम, विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बूथ स्तर पर सक्रिय रहे हों और कांग्रेस के धरना-प्रदर्शनों में सहभागिता निभाई हो।
- कार्यकारिणी में प्राथमिकता उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दी जाएगी, जिन्होंने अधिक सक्रिय सदस्य जोड़े हैं।
- कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कार्यकारिणी में वही नेता और कार्यकर्ता शामिल किए जाएंगे जो संगठनात्मक गतिविधियों में सक्रिय हैं।