इंदौर(Indore) : नगर निगम ने ठेकेदारों को काम के बदले में अभी तक 350 करोड़ नहीं दिए हैं, जबकि प्रदेश सरकार ने ऑक्ट्रॉय के 200 करोड़ रुपए नहीं दिए। जो भी नया मेयर आएगा उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती खराब आर्थिक स्थिति की होगी। सरकार से 200 करोड़ रुपए लाना आसान नहीं है, क्योंकि पुराना पैसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कहने के बाद भी दो साल में नगर निगम को नहीं मिल पाया। नगर निगम के अफसर तो दबी जुबान से कहते हैं कि सरकार के भरोसे अब नगर निगम नहीं चल सकती।
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ठेकेदारों को जो पैसा देना है यदि वह नहीं दिया तो काम बारिश के बाद भी शुरू नहीं हो पाएंगे। ऐसे में पार्षद से लेकर तमाम नेता हल्ला मचाएंगे। नए मेयर के लिए यह सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। एक अप्रैल 2022 से अभी तक संपत्ति कर के रूप में लगभग 110 करोड रुपए और जल कर के रूप में लगभग ग्यारह करोड़ पैसठ लाख मिले हैं। जुलाई माह में चुनाव के कारण टैक्स वसूली नहीं हो पाई।
![इंदौर : 350 करोड़ ठेकेदारों को देना अभी बाकी, सरकार ने ऑक्ट्रॉय के नहीं दिए 200 करोड़](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/GIS_5-scaled-e1738950369545.jpg)
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अब नए मेयर और पार्षद के आने के बाद वसूली के मामले में भी नए फैसले होंगे। स्मार्ट सिटी के काम भी इसलिए प्रभावित हो रहे हैं, क्योंकि नगर निगम अपने हिस्से का पच्चीस फीसदी हिस्सा नहीं मिला पा रहा है। केंद्र व राज्य सरकार से नगर निगम को तभी पैसा मिलता है। जब वह पच्चीस फ़ीसदी पैसा बैंक में जमा करके सूचना देता है। आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे नगर निगम को रोकना मुश्किल काम है, क्योंकि दो साल से पार्षद नहीं थे। अब नए पार्षद चुनाव जीतते ही अपने वार्ड में काम नहीं होने को लेकर हल्ला मचाएंगे।