इंदौर(Indore) : महापौर पद के कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला ने कहा है कि इंदौर के हजारों नागरिकों की जान बचाने वाले 350 नर्सिंग होम संकट में आ गए हैं । इंदौर नगर निगम के द्वारा इन सभी नर्सिंग होम की फायर एनओसी को रोक दिया गया है । जिसके कारण इन अस्पतालों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है । ऐसे में यह सभी अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं । इन अस्पतालों में काम करने वाले 30,000 व्यक्तियों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो रहा है ।
शुक्ला ने कहा कि कोरोना के संक्रमण काल में जब इंदौर के नागरिक इस महामारी की चपेट में आने के बाद इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे थे । उस समय पर सत्ताधारी दल भाजपा के नेता तो अपने घरों में बैठकर आराम कर रहे थे और रेसीडेंसी कोठी पर सरकारी मीटिंग में चाय नाश्ता करने के लिए जा रहे थे । उस समय पर इंदौर के नर्सिंग होम के द्वारा नागरिकों की जीवन की रक्षा में अहम भूमिका निभाई गई । इंदौर शहर में स्थित 350 नर्सिंग होम में काम करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के द्वारा अपनी जान की बाजी लगाकर हजारों लोगों की जान बचाने और उन्हें बीमारी की स्थिति से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई ।
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शुक्ला ने कहा कि अब इंदौर नगर निगम इन सभी अस्पतालों में तालाबंदी कराने में रुचि ले रहा है । निगम की ओर से इन अस्पतालों के लिए फायर एनओसी नहीं दी जा रही है । इसके परिणाम स्वरूप स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन अस्पतालों के लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है । मार्च 2022 से नगर निगम ने सभी अस्पतालों की फायर एनओसी रोक दी है । स्वास्थ्य विभाग भी हर 3 साल में किए जाने वाले लाइसेंस के नवीनीकरण का कार्य रोकने में रुचि का प्रदर्शन कर रहा है । इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि आवासीय उपयोग की भूमि पर यह नर्सिंग होम स्थित है।
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इंदौर के मास्टर प्लान और मध्य प्रदेश सरकार के नियमों में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि आवासीय जमीन पर नर्सिंग होम का निर्माण और संचालन किया जा सकता है । इंदौर के मास्टर प्लान के पेज नंबर 145 में पाइंट नंबर 10.6 के एक दूसरे बिंदु में इस बारे में स्पष्ट प्रावधान किया गया है । सरकार के नियम कायदे के प्रावधान के बावजूद नगर निगम के अधिकारियों की रुचि नर्सिंग होम को बंद करवा कर शहर के बड़े अस्पतालों को वायदा पहुंचाने में हैं ।
शुक्ला ने कहा कि जिन अस्पतालों के द्वारा नागरिकों के जीवन की रक्षा के अपने धर्म को निभाने में कहीं कोई कमी नहीं रखी गई । उन अस्पतालों को अपने निजी स्वार्थ के कारण बंद करवाने की कोशिश करना इंदौर की जनता पर अत्याचार है । इन अस्पतालों में 30,000 मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ काम करता है । इन सभी लोगों को बेरोजगार करने में इंदौर नगर निगम और भारतीय जनता पार्टी के नेता महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । इसमें यह ध्यान दिया जाने योग्य है कि मध्य प्रदेश में सारे शहरों में आवासीय प्लाट पर नर्सिंग होम के संचालन की अनुमति दी जा रही है । केवल एक इंदौर शहर ऐसा है जहां पर इस अनुमति को रोका गया है ।
शुक्ला ने इस पूरे प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक शब्दों में कहा है कि वह महापौर बनेंगे तो सबसे पहले इन सभी नर्सिंग होम के संचालन के लिए 24 घंटे के अंदर फायर एनओसी जारी करवाई जाएगी । इन नर्सिंग होम को संचालित करने में नगर निगम एक सहयोगी की भूमिका निभाएगा । ताकि शहर के नागरिकों को आपात स्थितियों में त्वरित उपचार मिल सके ।