Indore NHAI Project : सरकार द्वारा एक बार फिर से इंदौर के लोगों को बड़ी खुशखबरी दी गई है। सरकार ने जमीन के बदले उन्हें दी जाने वाली राशि को बढ़ा दिया गया है। इंदौर शहर के पश्चिमी रिंग रोड बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। इसके लिए किसानों द्वारा मुआवजा राशि को बढ़ाए जाने की मांग की जा रही थी।
किसानों को भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से मुआवजा देने का भी ऐलान किया गया था। जिसकी राशि 600 करोड़ रुपए से बढ़कर अब 1000 करोड़ रूपए कर दी गई है। बता दे कि यह पश्चिमी रिंग रोड इंदौर और धार जिले के इलाके से होकर गुजरने वाला है। ऐसे में इंदौर की जनता सहित इंदौर के किसानों को बड़ी राहत मिलने वाली है।

किसानों को लगभग 795 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान
इंदौर की तीन तहसीलों के किसानों को लगभग 795 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। साथ ही धार जिले के पीथमपुर तहसील के लगभग 200 करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजे जाएंगे। मुआवजा राशि के लिए मंजूरी मिलने के बाद जल्द किसानों के खाते में यह राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी।
जमीन की औसत बिक्री और खरीदी की जांच
किसानों की मांग के बाद तहसील की जमीन की औसत बिक्री और खरीदी की जांच की गई। जिसके बाद फिर से मुआवजे का सर्वे किया गया था। इसका मुआवजा पहले 600 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया था, जिसके बाद इसे बढ़ाकर हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक सांवेर तहसील के 9 गांव के 512 किसानों को 473 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे। इंदौर की तीन तहसीलों के 26 गांव के 998 किसानों को 795 करोड़ का मुआवजा दिया जाएगा जबकि देपालपुर के पांच गांव के 153 किसानों को 140 करोड़ रुपए मिलेंगे। हातोद के 12 गांव के 333 किसानों से जमीन अधिग्रहित की गई है। जिसके लिए उन्हें 182 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा जबकि धार जिले के पीथमपुर तहसील से 200 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों के खाते में भेजा जाएगा।
बता दे की पश्चिम रिंग रोड को लेकर इंदौर में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार की तरफ से किसानों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया गया था। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया था। इसके बाद किसानों द्वारा अपने विरोध को वापस ले लिया गया था।
अब इस प्रक्रिया के बाद भारतीय राजमार्ग प्राधिकरण और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निजी जमीन के सर्वे और मैपिंग की की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिंग रोड की लंबाई 64 किलोमीटर की बताई जा रही है। इंदौर और धार जिले के किसानों से 570 हेक्टेयर भूमि जमीन को इसमें शामिल किया गया है। जिनमें 98 हेक्टेयर जमीन सरकार की बताई जाती है।