इंदौर। छोटे से गांव से निकला एक युवा इंदौर में अपनी पढ़ाई करता है, उसके बाद शुरुआती तौर पर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपने करियर की शुरुआत करता है। देश के कई बड़े कॉलेजों में जाकर इंदौर का नाम रोशन करने वाले इस युवक का नाम अक्षय बम है। परिवारिक संस्कारों के कारण आधुनिक विचारों का होने के बावजूद यह युवा अपने पिता के नाम के साथ अपना नाम लिखने में गौरव महसूस करता है। इसलिए हमेशा अपना नाम अक्षय क्रांति बम लिखता है। बडऩगर के समाजसेवी परिवार से जुड़ा यह युवा इंदौर में रहकर लंबे समय से समाज सेवा कर रहा है। अक्षय ने इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ की शुरुआत एक किराए की बिल्डिंग से की। महज 41 साल का यह युवा अपने नेक इरादों के साथ अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दिन-रात मेहनत करता था।
देखते ही देखते अक्षय इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ से देश में नाम रोशन करने लगा। अक्षय ने नर्सिंग कॉलेज भी खोल दिया समाज सेवा करने के साथ-साथ राजनीतिक परिवार से होने के कारण इस युवा के मन में भी राजनीति के जरिए देश और समाज के लिए बहुत कुछ करने की इच्छा है। इसलिए अक्षय बम सक्रिय राजनीति का हिस्सा बन गए हैं। अक्षय ने चुनाव लडऩे का फैसला उस विधानसभा सीट से किया है, जहां पर लंबे समय से कांग्रेस चुनाव हारती रही। इंदौर की विधानसभा 4 जिसे अयोध्या कहते हैं, वहां से अक्षय की चुनाव लडऩे की इच्छा है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को वे अपनी मंशा बता चुके हैं।
![मेहनत व लगन से अक्षय ने बनाया मुकाम, अब सक्रिय राजनीति में, विधानसभा क्षेत्र इंदौर-4 से कांग्रेस उम्मीदवार के लिए पेश की दावेदारी 8](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2023/04/WhatsApp-Image-2023-04-18-at-4.36.34-PM.jpeg)
अक्षय से कई मुद्दों पर स्वतंत्र समय की चर्चा
सवाल: विधानसभा 4 से इन दिनों आपकी दावेदारी चर्चा में है, तो आखिरकार आपने विधानसभा 4 से कांग्रेस की तरफ से दावेदारी करने का विचार किया। आपके मन में ये सवाल कैसे उठा? आपके मन में क्या बिचार आए और कैसे इसकी शुरुआत हुई।
जवाब: सबसे पहले तो में ये बताना चाहूंगा की मुझे सेवा का कार्य करना है, इसलिए मेने राजनीति को अपना एक माध्यम चुना है। ऑलरेडी हमारा परिवार आज से नहीं 40-50 सालों से लगातार ही समाज के लिए कहीं न कहीं सेवा करते आया है। चाहे वो एजुकेशन के पार्ट पर हो या हेल्थ के नाम पर हो। सेवा हमारा एक मैन मोटिव है।
दूसरा विधानसभा 4 क्यों? आज मैं यह देखता हूं कि मुझे 4 नंबर में लडऩा है तो मैं दो चीजों को सबसे ज्यादा बिलॉन्ग करता हूं। पहली है कि जिस समाज से मैं आता हूं वह समाज के सबसे ज्यादा लोग वहां पर है। पहला जैन समाज दूसरा जो मैं काम करता हूं, क्योंकि मुझे ऐसा कहा जाता है कि, हम लोग व्यापारी दृष्टिकोण से आते हैं और अगर में पांचों विधानसभा उठाता हूं तो 4 नंबर विधानसभा एक ऐसी है जहां सबसे ज्यादा व्यापारियों का रहना है और सबसे ज्यादा मार्केट भी वहीं पर आता है, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं 4 नंबर में अपना जो सेवा का कार्य है और एक जो मैं सबसे ज्यादा बोलता हूं द्गड्डह्यद्ग ष्ठशद्बठ्ठद्द क्चह्वह्यद्बठ्ठद्गह्यह्य जो आदमी को होना चाहिए।
सवाल: 4 नंबर विधानसभा को अयोध्या कहा जाता है, वहां पर यह माना जाता है कि बीजेपी बहुत आसानी से चुनाव जीतती है। सिर्फ कैंडिडेट घोषित होने का इंतजार रहता है और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव हारने का रिकॉर्ड बनाते हैं। वह चाहे उजागर सिंह हो ललित जैन हो इकबाल खान हो या गोविंद मंगानी हो तो आपको क्या लगता है इतने सारे दिग्गज नेता चुनाव हारे हैं तो क्या कांग्रेस की कोई कमजोरी रही होगी।
जवाब: यहाँ एक आभामंडल बना हुआ है। ऐसा कहा गया है कि 4 नंबर अयोध्या है और अयोध्या में बीजेपी ही जीत सकती है और बीजेपी ही काम कर सकती है। मेरा ऐसा मानना है कि 4 नंबर विधानसभा अयोध्या है तो यहां पर सेवा की जा सकती है और जो आदमी सेवा करेगा वो वहां पर काम करने का हकदार रहेगा। आपने मुझे 1990 से लेकर अभी तक के सारे कैंडीडेट्स बताएं है, पर आप ही देखिए कोई भी कैंडिडेट रिपीट नहीं हुआ है। उसका कारण यह है कि या तो उस कैंडिडेट ने 5 साल अपनी सक्रियता नहीं रखी है और सक्रियता नहीं रही है तो उसने अपना संगठन मजबूत नहीं किया और संगठन मजबूत नहीं किया तो वह काम नहीं कर पाए।
मेरा ऐसा मानना है कि जो 4 नंबर सीट है जिसे अयोध्या कहा जाता है उस अयोध्या में 2 तरीके के लोग हैं या तो बहुत ज्यादा बस्ती के लोग हैं या फिर बहुत ज्यादा व्यापारिक लोग हैं। अगर मैं दोनों की बात करूं तो मुझे नहीं पता कि कितने लोगों ने ट्रेंड देखा है या कितने लोगों ने वोटिंग देखी है या नहीं देखी है। लेकिन, आज भी हम मुस्लिम वोटों को हटा दे तो उसके अलावा भी 35 से 36 हजार वोटर्स ऐसे है जो आज कांग्रेस को वोट देते है। यह परंपरागत वोट कांग्रेस का है अगर मैं यह मान सकता हूं कि 35 से 36 हजार वोट अगर मिल रहा है तो 7 से 8 हजार घर ऐसे हैं जो कांग्रेस को वोट दे रहे हैं।
तीसरी चीज किसी भी विधानसभा के लिए यह बहुत ज्यादा जरूरी है कि उसकी हार-जीत कभी भी 4000 या 5000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। अगर 4000 या 5000 से ज्यादा किसी भी विधानसभा की हार जीत होती है तो इसका मतलब आपने एक पार्टी को या एक कैंडिडेट को इतना ज्यादा आगे बढ़ा दिया है कि, अगर वह काम नहीं भी करता है तो भी उसके मन में एक अहम आ जाएगा कि आज मैं जीत रहा हूं तुम मेरे को वोट नहीं दोगे तो मैं तुम्हारा काम नहीं करूंगा तो भी में जीत जाऊंगा। अगर आपने ईमानदारी से मेहनत करी और संगठन खड़ा किया और सेवा का कार्य किया और अगर आज आप हार जीत को 4 से 5000 पर ले आए तो आप मान के चलिए कि यह विधनसभा के लिए भी अच्छा है और सामने जो विधायक बनेगा या जो नहीं बनेगा दोनों अपना काम करेंगे। क्योंकि, हार जीत का मार्जिन इतना कम होगा कि हर आदमी को सडक़ पर उतर कर वाकई में सेवा का कार्य करना पड़ेगा।
सवाल: वहां पर जो 4 नंबर का आवामंडल है कि बीजेपी का कोई भी व्यक्ति खड़ा हो जाए वह चुनाव जीत जाएगा और चाहे बीजेपी की सरकार ना बने भले ही काम हो या न हो। लेकिन, 4 नंबर तो बीजेपी जीतेगी ही। इस सवाल पर आप क्या कहते है। और इस लाइन को आप कैसे तोड़ेंगे।
जवाब: परिवर्तन ही सृष्टि का नियम है 60 साल कांग्रेस थी तो 8 साल से भाजपा है लेकिन यह तो कोई नहीं कह सकता कि अगले 25 वर्ष भी भाजपा रहेगी। परिवर्तन सृष्टि का नियम है। यह तो 1 चक्का है जो चक्का चलेगा जो आदमी मेहनत करेगा जो आदमी लोगों की सेवा करेगा जो घर-घर काम करेगा उसको क्यों नहीं मौका मिलेगा। सौ प्रतिशत उसको मौका मिलेगा।
सवाल: आपके बारे में कहा जाता है कि आप एक धनी परिवार से है एक अच्छा लॉ कॉलेज चलाते हैं तो फिर राजनीति की आवश्यकता और चुनाव लडऩे की क्या आवश्यकता है। आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहते हैं ?
जवाब: अगर आप मेरा इतिहास भी उठा कर देखेंगे तो जो भी कार्य मैंने किए हैं वह मेरे स्वयं के द्वारा चालू किए गए हैं। मैंने लॉ कॉलेज पहले दिन में कभी नहीं चालू किया। बहुत कम लोग यह जानते हैं कि आज जो मेरे मित्र है वह जानते हैं कि सबसे पहले में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ाता था। मैं घर-घर जाकर पढ़ाता था। उसके बाद मैंने खुद की ट्यूशन खोली उस ट्यूशंस को खोलने के बाद कॉलेज खोलने का मौका मिला और भगवान की असीम कृपा रही कि जो भी मैंने काम किया मुझे कहीं ना कहीं भगवान ने उसमें प्रोत्साहित किया और हाथ आगे बढ़ाया और मैं आगे बढ़ता गया।
लेकिन, मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं आज पर्सनल लेवल से भी और अपने रोसौर्स से भी काम करने जाऊंगा तो सेवा का इतना बड़ा काम नहीं कर सकता हूं जो कि मैं राजनीति में आकर एक पद पर बैठकर कर सकता हूं और नहीं भी पद पर बैठता हूं तो भी मैं अगर लोगों के लिए कार्य करता हूं तो इतनी सारी स्कीम है सारे काम है कि मैं एक बड़ा विकास का मॉडल 4 नंबर विधानसभा में खड़ा कर सकता हूं तो यह मेरा ध्येय है काम करने का।
सवाल: टिकट को लेकर कांग्रेस में अनिश्चितता रहती है उन्हें कहा जाता है कि टिकट आखिरी समय में तय होते हैं और बड़ी दिक्कत आती है और आपने प्रचार शुरू कर दिया है तो इसको लेकर आपके मन में क्या है?
जवाब: कभी भी मैंने अपने प्रचार प्रसार में यह नहीं कहा कि मैं चुनाव लडऩे वाला हूं अगर में महावीर जयंती के होर्डिंग लगाता हूं तो मैं उसमें अक्षय क्रांति बम के साथ विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 नहीं लिखता हूं। मैं सिर्फ महावीर जयंती की बधाई देता हूं और लोगों को बताता हूं कि आज भगवान महावीर की जयंती है, तो यह लोगों के नॉलेज के लिए होता है। मुझे सिर्फ पार्टी ने यहां भेजा है संगठन को खड़ा करने के लिए, संगठन को मजबूत करने के लिए और जो लोगों को तकलीफ है उनकी सेवा का कार्य करने के लिए। टिकट किसको मिलता है या नहीं मिलना है यह पूरा का पूरा जो हमारे अध्यक्ष है और जो हमारे पार्टी के बड़े लीडर है उनका काम है। आज की तारीख में हर चीज का सर्वे होता है और सर्वे से मालूम पड़ता है कि कौन यहां पर किला लड़ा सकता है। कौन लोगों का कार्य कर रहा है। पार्टी मुझे चुने या किसी और व्यक्ति को चुने मेरा काम है वहां पर कांग्रेस को मजबूत करना उसका संगठन मजबूत करना और जो भी कैंडिडेट वहां पर खड़ा हो वह अक्षय बम हो या कोई हो पूर्ण ताकत से उसको जीत की तरफ आगे बढ़ाना।
सवाल: चुनाव से 8-10 महीने पहले पहली बार विधानसभा 4 में कांग्रेस के किसी उम्मीदवार ने उम्मीदवारी जताते हुए काम शुरू किया है, तो क्या आपको लगता है कि इसका लाभ आपको मिलेगा?
जवाब: मैं किसी लाभ के लिए आया ही नहीं हूं मैं चुनाव लडऩे के लिए काम नहीं कर रहा हूं। सेवा मेरा देह है वह मेरा माध्यम है और मेरा मोटिव है अगर पार्टी को लगेगा कि अक्षय की वर्किंग अच्छी है तो अक्षय को वहां से लड़ाया जा सकता है। उन्हें लगेगा तो वह मुझे बिल्कुल टिकट देंगे और आगे बढ़ाएंगे
सवाल: यदि पार्टी ने आपको टिकट दिया तो आपको लगता है कि आप चुनाव जीत जाएंगे? इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद भी विपरीत स्थितियां आए तो आपको क्या लगता है ।
जवाब: देखिए आज ही मेरा काम है वहां पर सेवा करना वहां पर संगठन खड़ा करना किला लड़ाने के लिए पूरी फौज तैयार करना। क्या होगा, क्या है, क्या नहीं होगा इसके लिए कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
सवाल: क्या हर बूथ में कांग्रेस के पास टेबल पर बैठने के लिए कार्यकर्ता मिल जाएंगे?
जवाब: 2023 में भाजपा से ज्यादा लोग हर बूथ पर मिलेंगे।