मालवा को मिलेगी नई रफ्तार, एमपी के इन दो शहरों के बीच बन रहा हैं फोरलेन हाईवे, दक्षिण भारत से होगा सीधा कनेक्शन

इंदौर से हरदा को जोड़ने वाला फोरलेन हाईवे, इंदौर-नागपुर कॉरिडोर की अहम कड़ी बन रहा है, जिससे सफर 3 घंटे कम होकर सिर्फ 6 घंटे में पूरा होगा। 70% से अधिक काम पूरा हो चुका है और जून तक 90% निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। यह हाईवे मालवा को दक्षिण भारत से जोड़ते हुए व्यापार और परिवहन में बड़ा बदलाव लाएगा।

Srashti Bisen
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मध्यप्रदेश में इंदौर से हरदा को जोड़ने वाला फोरलेन हाईवे, इंदौर-नागपुर कॉरिडोर की सबसे अहम कड़ी का काम लगभग पूरा होने ही वाला हैं। इस प्रोजेक्ट का 70% से अधिक काम पूरा हो चुका है और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का दावा है कि जून तक 90% काम पूरा कर लिया जाएगा। मानसून के बाद शेष काम निपटाकर इस फोरलेन को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

अब सिर्फ 6 घंटे में होगा इंदौर से नागपुर तक का सफर

1011 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह हाईवे इंदौर से नागपुर की यात्रा को काफी आसान बना देगा। पहले जहां इस मार्ग को तय करने में करीब 8 घंटे 50 मिनट लगते थे, अब हरदा और बैतूल के रास्ते केवल 6 घंटे में यह सफर पूरा किया जा सकेगा। इससे करीब 3 घंटे की बचत होगी, जो व्यापार, परिवहन और आम यात्रियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।

बायपास से शुरुआत, 12 ब्रिज और दर्जनों अंडरपास का निर्माण जारी

इस हाईवे की शुरुआत इंदौर बायपास के पास फीनिक्स मॉल से होकर बेगमखेड़ी, खुड़ेल खुर्द, गोगाखेड़ी और मिर्जापुर के रास्ते राघोगढ़ तक होती है, जहां यह नेमावर रोड से जुड़ता है। पूरे मार्ग पर 12 छोटे-बड़े ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इनमें से कई पर ट्रैफिक शुरू भी हो चुका है, जिससे आस-पास के ग्रामीण इलाकों का ट्रैफिक अब नए मार्ग पर शिफ्ट हो रहा है।

ट्रैफिक शिफ्ट होने से कम हुआ दबाव

इस फोरलेन के निर्माण से पुरानी नेमावर और देवगुराड़िया सड़कों पर ट्रैफिक का भार कम हो गया है। अब कई वाहन, विशेषकर छोटी गाड़ियां, नए फोरलेन पर सफर कर रही हैं। हालांकि, भारी वाहन अब भी पुरानी सड़क से ही जा रहे हैं, लेकिन हाईवे पूरी तरह शुरू होते ही वे भी नए मार्ग पर शिफ्ट हो जाएंगे।

जल्द पूरी होगी राघोगढ़ से हरदा की सड़क

निर्माण एजेंसी के मुताबिक बारिश तक सड़क का मुख्य हिस्सा, जिसमें डामरीकरण और ब्रिज शामिल हैं, पूरा हो जाएगा। आसपास के सर्विस रोड और छोटे काम बारिश के बाद पूरे किए जाएंगे। इस बार की प्लानिंग ऐसी है कि मानसून के दौरान भी कीचड़ या फिसलन की दिक्कत नहीं होगी और वाहन आराम से चल सकेंगे।

राघोगढ़ इलाके की पहाड़ियों और वहां की काली मिट्टी ने निर्माण कार्य में कई बार रुकावटें पैदा कीं। क्षेत्र में पानी जल्दी जमीन में नहीं उतरता, जिससे साइट पर कीचड़ और फिसलन बनी रहती है। इन चुनौतियों के बावजूद निर्माण कार्य लगातार जारी है और तय समय से पहले काम पूरा करने की कोशिश की जा रही है।

हाईवे से जुड़ेगा मालवा, बढ़ेगा दक्षिण भारत से संपर्क

इंदौर-हरदा फोरलेन सिर्फ एक सड़क नहीं, बल्कि एक आर्थिक कड़ी है जो मालवा क्षेत्र को नागपुर और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों से जोड़ेगी। इससे न केवल आईटी और फिल्म इंडस्ट्री को फायदा होगा, बल्कि इंदौर, देवास, उज्जैन, ओंकारेश्वर और पीथमपुर जैसे क्षेत्रों का विस्तार भी तेज़ होगा। माल और यात्री परिवहन दोनों के लिए यह मार्ग क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

बायपास से चापड़ा की दूरी होगी कम, एयरपोर्ट प्रोजेक्ट से भी होगा लिंक

इंदौर-हरदा हाईवे का एक हिस्सा देश के सबसे बड़े प्रस्तावित एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के पास से होकर गुजरेगा, जो चापड़ा (देवास) में प्रस्तावित है। इस एयरपोर्ट के लिए लगभग 25 हजार एकड़ भूमि चिन्हित की जा रही है। ऐसे में यह हाईवे भविष्य के ट्रांसपोर्ट हब के रूप में भी इंदौर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।

बनेगा नया इकोनॉमिक कॉरिडोर

इंदौर से राघोगढ़ तक इस फोरलेन पर 1 बड़ा पुल, 4 छोटे पुल और 19 अंडरपास तैयार किए जा रहे हैं। एक वैकल्पिक मार्ग एमआर-10 होकर भी बनाया जा रहा है, जो यात्रियों को अतिरिक्त सुविधा देगा। यह पूरा नेटवर्क भविष्य में इंदौर से नागपुर के बीच एक मजबूत आर्थिक कॉरिडोर बनेगा, जो न सिर्फ समय की बचत करेगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी नई दिशा देगा।