दूध उत्पादन में बढ़ोतरी पर सरकार दे रही 1.5 लाख रुपए की सहायता, जानिए कैसे उठाएं योजना का फायदा

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By Srashti BisenPublished On: June 24, 2025
MP News

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के पशुपालक किसानों के लिए एक महत्त्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाना और दुग्ध उत्पादन को दोगुना करना है। इस योजना के तहत किसानों को 1.5 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी, जिससे वे अधिक संख्या में गाय-भैंस रख सकें, बेहतर चारा खरीद सकें और अपना दुग्ध व्यवसाय एक व्यवस्थित रूप में आगे बढ़ा सकें। यह योजना खासकर उन किसानों के लिए फायदेमंद है, जो कम लागत में अपने पशुपालन व्यवसाय को विकसित करना चाहते हैं।

योजना का उद्देश्य 

सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम मानी जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है ताकि न केवल किसानों की आय में वृद्धि हो, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकें। इसके अलावा, सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक किसान पशुपालन को एक पेशेवर व्यवसाय की तरह अपनाएं और उन्हें इसके लिए प्रारंभिक पूंजी की कमी न हो।

योजना के मुख्य लाभ 

इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ स्पष्ट और व्यावहारिक हैं:

  • किसानों को 1.5 लाख रुपए तक की मार्जिन मनी (वित्तीय सहायता) दी जाएगी, जिससे उन्हें पशुओं की खरीद और चारे आदि की व्यवस्था में मदद मिलेगी।
  • केवल 5% ब्याज दर पर बैंक लोन उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे किसानों पर आर्थिक बोझ कम पड़ेगा।
  • 25% तक की सब्सिडी मिलेगी, जिससे परियोजना की कुल लागत में उल्लेखनीय कटौती होगी।

योजना में शामिल होने पर किसानों का पशुपालन व्यवसाय सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होगा, जिससे वे भविष्य में अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।

किन किसानों को मिलेगा इस योजना का लाभ?

मध्यप्रदेश सरकार की इस योजना का लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुंच सके, इसके लिए पात्रता की शर्तें बेहद सरल और व्यावहारिक रखी गई हैं। इस योजना के अंतर्गत वही किसान पात्र माने जाएंगे जिनके पास कम से कम 1 एकड़ कृषि भूमि हो। साथ ही, किसान के पास कम से कम 5 दूध देने वाले पशु होने चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह पहले से पशुपालन कर रहा है या इसकी पर्याप्त समझ रखता है।

योजना की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी विशेष जाति या वर्ग की बाध्यता नहीं है, यानी राज्य के सभी वर्गों के किसान इसके पात्र हैं। इसके अलावा, आवेदक किसान को मध्यप्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है। विशेष रूप से यह भी उल्लेखनीय है कि जिन किसानों के पास 5 से अधिक दूध देने वाले पशु हैं, वे भी इस योजना में आवेदन कर सकते हैं और इसका पूरा लाभ उठा सकते हैं।

आवेदन प्रक्रिया: आसान और चरणबद्ध प्रक्रिया

इस योजना से जुड़ने के लिए किसानों को ज्यादा जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। निम्नलिखित स्टेप्स को अपनाकर वे आसानी से योजना का लाभ ले सकते हैं:

  • प्रारंभिक संपर्क: किसान सबसे पहले अपने जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी या पशु औषधालय प्रभारी से संपर्क करें।
  • ग्रामसभा और पंचायत स्वीकृति: आवेदन को ग्रामसभा और जनपद पंचायत से स्वीकृति दिलवानी होगी।
  • प्रकरण स्वीकृति: पशुपालन विभाग के उप संचालक द्वारा आवेदन (प्रकरण) को स्वीकृत किया जाएगा।
  • बैंक प्रक्रिया: फिर यह आवेदन संबंधित बैंक को भेजा जाएगा, जहां से लोन और सब्सिडी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
  • राशि ट्रांसफर: बैंक द्वारा लोन और सब्सिडी की राशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

 ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

दूध का व्यवसाय एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रतिदिन आय संभव है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से मददगार है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर और व्यवसायिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। जिन किसानों के पास पशुपालन का अनुभव तो है, पर पूंजी और मार्गदर्शन की कमी है, उनके लिए यह योजना एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है।