मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह को कांग्रेस पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी ने यह सख्त निर्णय लक्ष्मण सिंह द्वारा हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और प्रियंका गांधी के पति तथा कारोबारी रोबर्ट वाड्रा के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयानों के बाद लिया है।
लक्ष्मण सिंह के बयानों को पार्टी ने गंभीर अनुशासनहीनता माना। कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष, सांसद तारिक अनवर ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए पार्टी नेतृत्व को सिफारिश भेजी थी कि लक्ष्मण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाए। लगातार इस बात की चर्चा हो रही थी कि उन्हें पार्टी से निकाला जा सकता है और अब इस पर अंतिम निर्णय ले लिया गया है।

उमर अब्दुल्ला पर लगाए थे गंभीर आरोप
कश्मीर के पहलगाम में 26 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद लक्ष्मण सिंह ने उमर अब्दुल्ला पर सीधा हमला बोला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उमर अब्दुल्ला का आतंकियों से संबंध है और कांग्रेस को नेशनल कॉन्फ्रेंस से तत्काल समर्थन वापस ले लेना चाहिए। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी।
राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा पर भी की थी टिप्पणी
लक्ष्मण सिंह ने न केवल उमर अब्दुल्ला, बल्कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और रॉबर्ट वाड्रा को लेकर भी विवादास्पद बयान दिए थे। उन्होंने राहुल गांधी के उस कथित बयान पर कटाक्ष किया, जिसमें मुसलमानों को सड़क पर नमाज़ न पढ़ने देने को लेकर आतंकी हमले की बात कही गई थी। लक्ष्मण ने इसे “बचपना” करार देते हुए सवाल उठाया था कि आखिर पार्टी ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयानों को कब तक झेलेगी।
पार्टी ने दिखाई सख्ती
इन बयानों के बाद कांग्रेस पार्टी ने लक्ष्मण सिंह की टिप्पणियों को संगठन के खिलाफ गंभीर अनुशासनहीनता माना और उन्हें छह वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।