अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में चीता प्रोजेक्ट को एक और बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को मादा चीता वीरा और उसके दो शावकों को बड़े बाड़े से निकालकर खुले जंगल में रिलीज कर दिया। इस मौके पर वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
इस रिलीज के साथ ही कूनो के खुले जंगल में स्वच्छंद विचरण करने वाले चीतों की संख्या 16 से बढ़कर 19 हो गई है। यह चीता संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए इस पल को ऐतिहासिक बताया और प्रदेशवासियों को बधाई दी।
चीतों का बढ़ता कुनबा
कूनो नेशनल पार्क में चीतों की आबादी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में पार्क में कुल 29 चीते मौजूद हैं। इनमें 8 वयस्क चीते और 21 शावक शामिल हैं। इन 29 चीतों में से अब 19 चीते खुले जंगल में अपना जीवन जी रहे हैं, जबकि बाकी शावकों को बड़े बाड़ों में निगरानी में रखा गया है।
कूनो का चीता मुरैना से लेकर शिवपुरी तक दौड़ लगाता है और राजस्थान की धरती पर घूम-फिरकर लौट आता है।#InternationalCheetahDay pic.twitter.com/ISRKXWfz2p
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 4, 2025
अधिकारियों के अनुसार, वीरा और उसके शावकों को प्रोटोकॉल के तहत सभी स्वास्थ्य जांच पूरी करने के बाद ही जंगल में छोड़ा गया है। इन पर सैटेलाइट कॉलर के जरिए लगातार नजर रखी जाएगी ताकि उनके व्यवहार और स्वास्थ्य की निगरानी की जा सके।
गांधी सागर अभयारण्य
कूनो की सफलता के बाद चीता प्रोजेक्ट का विस्तार मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी किया जा रहा है। मंदसौर-नीमच जिले में स्थित गांधी सागर अभयारण्य को चीतों के दूसरे घर के रूप में विकसित किया गया है। वर्तमान में गांधी सागर अभयारण्य में भी 3 चीते मौजूद हैं, जिन्हें भविष्य में यहां के माहौल के अनुकूल होने पर खुले जंगल में छोड़ा जा सकता है।
यह कदम भारत में चीतों की एक स्थायी और आत्मनिर्भर आबादी स्थापित करने के लक्ष्य का हिस्सा है। सरकार और वन विभाग का प्रयास है कि अलग-अलग अभयारण्यों में चीतों की आबादी बसाकर उनके अस्तित्व को और अधिक सुरक्षित किया जा सके।










