मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के हजारों किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि ‘लखपति दीदी’ की तर्ज पर अब ‘लखपति बीघा’ का लक्ष्य निर्धारित किया जाए, जिसके तहत एक बीघा भूमि से एक लाख रुपये की आय प्राप्त करने वाले किसानों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, किसानों को बिचौलियों से मुक्त कर उनकी उपज का सीधा लाभ बाजार में उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक प्रणाली विकसित की जाएगी।
प्रदेश में उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए ग्राम स्तर पर व्यापक गतिविधियाँ संचालित की जाएँ। प्रत्येक संभाग की नर्सरियों को आदर्श मॉडल के रूप में विकसित किया जाए। नरवाई प्रबंधन के लिए तीन वर्षीय कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही, किसानों को उर्वरक की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु उन्नत तकनीक का उपयोग करते हुए प्रभावी रणनीति तैयार की जाए।
विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियाँ और नवाचार
- आपको अवगत कराना है कि बैठक में विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों व नवाचारों का प्रस्तुतीकरण किया गया, साथ ही आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना भी साझा की गई। बैठक में यह भी बताया गया कि—
- प्रदेश दालों, तिलहनों और मक्का उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है, जबकि खाद्यान्न, अनाज एवं गेहूं उत्पादन में द्वितीय स्थान पर स्थित है।
- वर्ष 2024–25 में उर्वरक वितरण के तहत 38.10 लाख मीट्रिक टन यूरिया तथा 21.41 लाख मीट्रिक टन डीएपी एवं एनपीके उपलब्ध कराए गए। वहीं वर्ष 2025–26 में अब तक 29.77 लाख मीट्रिक टन यूरिया वितरित किया गया है, जबकि 30 नवंबर तक डीएपी और एनपीके का कुल 19.42 लाख मीट्रिक टन वितरण संपन्न हुआ है।
- पीएम फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2023–24 में 1 करोड़ 77 लाख किसानों को 961.68 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2024–25 में 1 करोड़ 79 लाख कृषकों को 1,275.86 करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया गया।
- सीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत वर्ष 2023–24 में 4,687 करोड़ रुपये, वर्ष 2024–25 में 4,849 करोड़ रुपये और वर्ष 2025–26 में 3,374 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता वितरित की गई।
- प्रदेश की सभी 259 मंडियों में ई-मंडी प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा चुकी है, जिसके लिए स्कॉच गोल्ड अवार्ड प्राप्त हुआ।
- मंडी बोर्ड द्वारा विकसित ‘एमपी फार्म गेट’ ऐप के माध्यम से किसान अपने मूल्य पर, अपने घर, खलिहान अथवा गोदाम से सीधे कृषि उपज बेचने में सक्षम हुए। इस पहल को स्कॉच सिल्वर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
- पराली प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2023–24 में 1,312, वर्ष 2024–25 में 1,757 और वर्ष 2025–26 में 2,479 नरवाई कृषि यंत्र वितरित किए गए।
- कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए भोपाल एवं इंदौर में ड्रोन पायलट स्कूल आरंभ किए गए।
- ई-विकास पोर्टल के माध्यम से उर्वरक वितरण का पायलट प्रोजेक्ट विदिशा, शाजापुर और जबलपुर में लागू किया गया, जिसे शीघ्र ही पूरे प्रदेश में विस्तारित करने की योजना है।









