राहुल गांधी पर तिलमिलाए CM मोहन यादव, बोले यह भाषा देश की सहनशक्ति से बाहर

भोपाल दौरे पर राहुल गांधी के बयानों को लेकर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे मर्यादा के खिलाफ बताते हुए उनके व्यवहार को देश की परंपराओं के विरुद्ध करार दिया।

Abhishek Singh
Updated:

भोपाल दौरे के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अपनी मर्यादा का उल्लंघन किया है। उनका व्यवहार देश की परंपराओं और संस्कारों के विरुद्ध है। सीएम यादव ने राहुल गांधी द्वारा इंदिरा गांधी को जूते पहनकर श्रद्धांजलि देने और पुष्प फेंकने की घटना को भी अनुचित बताया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को लेकर दिए गए बयान को उन्होंने बचकाना बताते हुए कड़ी आलोचना की।

राहुल गांधी की भाषा मर्यादा के खिलाफ– सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे गंभीर विषय पर कांग्रेस सांसद विदेश में बयान दे रहे हैं, वहीं राहुल गांधी भी गैर-जिम्मेदाराना तरीके से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को अपनी गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन राहुल गांधी ने जिस भाषा का प्रयोग किया, वह देश के लिए अस्वीकार्य है। यही कारण है कि उन्हें ‘पप्पू’ कहा जाता है। उनके आपत्तिजनक बयान पर उनके समर्थकों की तालियां भी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि मध्यप्रदेश की जनता ऐसे व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेगी और कांग्रेस को इसका राजनीतिक मूल्य चुकाना पड़ेगा।

दबाव पड़ते ही पीछे हट जाती है बीजेपी-आरएसएस

मंगलवार को भोपाल स्थित रविंद्र भवन में आयोजित कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही इन पर थोड़ा दबाव आता है, ये पीछे हट जाते हैं। राहुल ने दावा किया कि जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने केवल संकेत भर दिया, तब इन्होंने ‘जी हुजूर’ कहकर सीजफायर कर दिया। उन्होंने कहा कि यही भाजपा-आरएसएस की पहचान है—इतिहास गवाह है कि ये हमेशा झुकते आए हैं। राहुल गांधी ने 1971 का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय अमेरिका की धमकी के बावजूद भारत ने पाकिस्तान को पराजित किया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दृढ़ता से निर्णय लिया था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस कभी आत्मसमर्पण नहीं करती—गांधीजी, नेहरू और पटेल जैसे नेता कभी झुके नहीं, बल्कि उन्होंने महाशक्तियों का भी सामना किया।