स्वदेशी आह्वान के बीच विदेशी कंपनी को कंसलटेंट बनाने पर सवालों के घेरे में आया वित्त विभाग

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By Abhishek SinghPublished On: September 1, 2025

इन दिनों देशभर में स्वदेशी को लेकर जोरदार बहस चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक लगातार लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच प्रदेश के वित्त विभाग ने इसके उलट कदम उठाते हुए विदेशी कंपनी केपीएमजी (KPMG) को कंसलटेंट नियुक्त कर दिया। इस फैसले से राजनीतिक हलकों से लेकर प्रशासनिक गलियारों तक चर्चा तेज हो गई है।


केपीएमजी एक अंतरराष्ट्रीय कंपनी है, जिसके दफ्तर लंदन, न्यूयॉर्क और गुरुग्राम समेत दुनिया के कई शहरों में मौजूद हैं। प्रदेश के विभाग पहले भी समय-समय पर निजी कंपनियों से परामर्श लेते रहे हैं, लेकिन यह पहली बार है जब वित्त विभाग ने सीधे तौर पर किसी विदेशी कंपनी को परामर्श की जिम्मेदारी सौंपी है। विभाग के निदेशक ने आदेश जारी कर अधिकारियों से कहा है कि वे कंपनी को बजट मैनुअल, ऋण प्रबंधन प्रक्रिया और अन्य वित्तीय दस्तावेज उपलब्ध कराएं, जबकि परंपरागत रूप से बजट को सरकार का सबसे गोपनीय दस्तावेज माना जाता है।

विदेशी परामर्शदाता पर उठे गोपनीयता के सवाल

इस निर्णय को लेकर आशंका जताई जा रही है कि संवेदनशील जानकारियां निजी हाथों में जा सकती हैं। वित्त विभाग से जुड़े जानकारों का कहना है कि जब देश में ही बड़ी संख्या में वित्तीय विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, तो किसी विदेशी कंपनी को परामर्श के लिए नियुक्त करने की आवश्यकता नहीं थी। उनका तर्क है कि निजी परामर्शदाता को शामिल करना यह संदेश देता है मानो हमारे पास पर्याप्त योग्य विशेषज्ञ मौजूद नहीं हैं। साथ ही, यह कदम वित्त विभाग की गोपनीयता पर भी सवाल खड़े करता है। राघवजी ने सरकार को ऐसे निर्णयों से बचने की सलाह दी।

मॉनिटरिंग के लिए बनी पीएमयू टीम

इसी सिलसिले में वित्त विभाग ने अपनी कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) की स्थापना की है। इसके तहत दो अलग-अलग कार्यदल गठित किए गए हैं—एक पाँच सदस्यीय दल, जिसे बजट मैनुअल की जिम्मेदारी दी गई है, और दूसरा छह सदस्यीय दल, जो ऋण प्रबंधन देखेगा। दोनों कार्यदलों का नेतृत्व अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपा गया है।