एमपी को जल्द मिलेंगे दो नए एक्सप्रेसवे, इन शहरों के बीच की दूरी होगी कम, खर्च होंगे 17 हजार करोड़ रुपये

मध्य प्रदेश में लगभग 17,000 करोड़ रुपये की लागत से दो हाई स्पीड एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे, जो जबलपुर को भोपाल और लखनादौन को रायपुर से तेज़, सुरक्षित और आधुनिक मार्गों के जरिए जोड़ेंगे।

Srashti Bisen
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अब मध्य प्रदेश में विकास की रफ्तार और भी तेज़ होने जा रही है। राज्य सरकार और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) मिलकर दो बड़े हाई स्पीड कॉरिडोर की योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे आवागमन और तेज़, सुरक्षित और आधुनिक हो सकेगा। यह परियोजना न केवल जबलपुर को राजधानी भोपाल से जोड़ेगी, बल्कि लखनादौन से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को भी जोड़ेगी।

दो प्रमुख हाई स्पीड कॉरिडोर की योजना

इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत दो नए हाई स्पीड कॉरिडोर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। पहला कॉरिडोर जबलपुर से भोपाल के बीच होगा, जबकि दूसरा लखनादौन से रायपुर तक पहुंचेगा। इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण के लिए डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है, और इसके लिए लगभग 17,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बजट तय किया गया है।

यमुना एक्सप्रेसवे जैसी होगी सड़क की क्वालिटी

इन हाई स्पीड कॉरिडोर को उत्तर प्रदेश की यमुना एक्सप्रेसवे की तर्ज़ पर आठ लेन में विकसित किया जाएगा। सड़कें पूरी तरह से सीधी होंगी ताकि वाहन बिना रुकावट तेज़ी से दौड़ सकें। यात्रियों को एक बेहतर और सुगम ट्रैफिक अनुभव देने के लिए इन मार्गों पर GPS ट्रैकर, स्पीड सेंसर और सुरक्षा से जुड़ी आधुनिक तकनीकें भी लगाई जाएंगी।

दूरी घटेगी, सफर होगा आसान

इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कई शहरों के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। जैसे कि लखनादौन से रायपुर जाने वाले यात्रियों को अभी नागपुर होकर जाना पड़ता है, जिससे लगभग 400 किलोमीटर का रास्ता तय करना होता है। लेकिन नए कॉरिडोर के जरिए बालाघाट से होकर रास्ता मात्र 255 किलोमीटर का रह जाएगा। इसी तरह, भोपाल और जबलपुर के बीच की दूरी भी करीब 100 किलोमीटर तक घट जाएगी।

जबलपुर-भोपाल कॉरिडोर: ग्रीन फील्ड योजना का हिस्सा

जबलपुर से भोपाल के बीच बनने वाला हाई स्पीड कॉरिडोर एक ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट होगा, जिसकी लागत लगभग 7,000 से 8,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह रास्ता तेंदूखेड़ा के नौरादेही अभ्यारण्य के जंगलों से होते हुए रायसेन तक जाएगा, जिससे औबेदुल्लागंज जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचा जा सके। NHAI इसके लिए विभिन्न वैकल्पिक मार्गों का अध्ययन कर रहा है ताकि दूरी और लागत दोनों को कम किया जा सके। हालांकि, परियोजना को साकार करने के लिए वन भूमि अधिग्रहण भी एक महत्वपूर्ण चरण होगा।

विजन 2047 की ओर बड़ा कदम

यह पूरी योजना ‘विजन 2047’ का हिस्सा है, जिसके तहत देशभर में आधुनिक और तेज़ यातायात व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत बनने वाले ये हाई स्पीड कॉरिडोर न केवल राज्य के शहरों को आपस में जोड़ेंगे, बल्कि आर्थिक विकास, उद्योगों की स्थापना और पर्यटन को भी नई गति देंगे।