राजधानी भोपाल में मंगलवार सुबह आयकर विभाग (Income Tax Department) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करने वाली कंपनी साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड और इसके डायरेक्टरों के ठिकानों पर छापे मारे। यह छापेमारी सुबह करीब 5 बजे से शुरू हुई और देर रात तक चलती रही। विभाग की टीम ने भोपाल के अलावा इंदौर और मुंबई में भी एक साथ कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि इस रेड में विभाग को कई अहम दस्तावेज और कच्चे बिल मिले हैं, जिससे करोड़ों की टैक्स चोरी की संभावना जताई जा रही है।
कंपनी डायरेक्टर और सहयोगियों से हुई पूछताछ
छापेमारी के दौरान आयकर अधिकारियों ने कंपनी के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों से पूछताछ की। इसी कड़ी में टीम भोपाल के लालघाटी स्थित पंचवटी पार्क इलाके में पहुंचे, जहां मेडिकल सर्जिकल उपकरणों के व्यापारी राजेश गुप्ता का घर है। इसके अलावा राजधानी के गौतम नगर में कंपनी का मुख्य ऑफिस भी खंगाला गया। पहले दिन की कार्रवाई के बाद विभाग ने जब्ती सामग्री का आधिकारिक खुलासा नहीं किया है, लेकिन बुधवार सुबह से टीमें फिर से दस्तावेजों की जांच में जुट गई हैं।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के केस में पहले हो चुकी गिरफ्तारी
गौर करने वाली बात यह है कि कंपनी के डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी का नाम पहले भी विवादों में आ चुका है। जून 2024 में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। आरोप था कि जितेंद्र ने अपने भाई शैलेंद्र तिवारी के साथ मिलकर अनूपपुर जिले में दवाओं और मेडिकल उपकरणों की सप्लाई में मनमाने दाम वसूल कर सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया था।
मेडिकल उपकरणों के कारोबार का बड़ा नेटवर्क
साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड का काम देशभर में फैला हुआ है। कंपनी लंबे समय से अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में सर्जिकल और मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करती है। बताया जा रहा है कि डायरेक्टर जितेंद्र तिवारी ने इस कारोबार को कई कंपनियों के जरिए फैलाया है। उनके साथियों में रोहित गुप्ता, दिनेश बारोलिया और शिखा राजोरिया जैसे नाम भी जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। आयकर विभाग अब इन सभी से पूछताछ कर वित्तीय लेन-देन और टैक्स चोरी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रहा है।