इंदौर का नर्मदा प्रोजेक्ट लिख रहा है अपनी बर्बादी की कहानी

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By Akanksha JainPublished On: October 14, 2021
narmada parikrama

इसमें कोई दो मत नहीं है कि इंदौर का नर्मदा प्रोजेक्ट पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है इंदौर के नागरिकों से यदि निष्पक्ष राय ली जाए तो पता चलेगा कि नर्मदा का पानी उनके लिए कितना कठिन होता जा रहा है सबसे पहली बात तो यह है कि महानगर बनने वाले इंदौर में एक दिन छोड़कर नर्मदा का पानी मिलता है यानी 30 दिन में मात्र 15 दिन पानी आता है और उसमें भी हर महीने पांच,सात दिन या तो लाइन लीकेज होती है या फिर और कोई कारण आ जाता है इसका नतीजा यह रहता है कि लोग पानी के लिए इधर से उधर भटकते रहते हैं ।

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सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी यह बताने की स्थिति में नहीं रहता है कि आखिर टंकियों में पानी क्यों नहीं भरा जा रहा है जिस तरह से सड़कों के गड्ढों में भ्रष्टाचार का खेल होता है लगभग वही स्थिति नर्मदा के लीकेज की बन गई है लीकेज और मेंटेनेंस के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वतखोरी होती है ,और इन सब का खामियाजा इंदौर के वे लोग भुगतते हैं जो नर्मदा के पानी का पेमेंट तो 30 दिन का करते हैं लेकिन पानी उनके घरों में सिर्फ 10, 12 दिन ही आ पाता है ।

शहर का जिस तरह से विस्तार हो रहा है और नई नई टंकियां बनाई जा रही है लेकिन हालत यह है कि शहर के बीच में बनी टंकियां खाली रहती है अब जरूरत इस बात की है कि नर्मदा प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए या तो पूरी पाइपलाइन बदली जाए या फिर और कोई नया पानी का सोर्स तैयार किया जाए क्योंकि जब मोघेजी इंदौर के मेयर थे तब उन्होंने घोषणा की थी कि अब इंदौर में 24 घंटे पानी मिलेगा लेकिन मोघे जी की इस घोषणा का क्या हुआ कुछ पता ही नहीं चला ।