छिंदवाड़ा की घटना के बाद इंदौर के कलेक्टर शिवम वर्मा ने जहरीले कफ सिरप (Coldrif Cough Syrup) से जुड़े मामलों में सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई डॉक्टर प्रतिबंधित दवा वाली कफ सिरप लिखता पाया गया, तो उस पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर सीधे जेल भेजा जाएगा। आज से प्रशासन की टीमें दवा बाजार और अन्य संबंधित स्थानों पर व्यापक जांच शुरू करेंगी, जिसमें केवल प्रतिबंधित सिरप ही नहीं बल्कि मिलती-जुलती दवाओं पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
कलेक्टर ने सीएमएचओ और फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट को कड़े निर्देश दिए हैं कि वे दवा बाजार, मेडिकल स्टोर और शिशु रोग विशेषज्ञ अस्पतालों पर सतत निगरानी रखें। किसी भी चूक की स्थिति में सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत का कारण बनने वाला जहरीला कफ सिरप इंदौर में सप्लाई नहीं हुआ था। इस मामले में पीडियाट्रिशियन को भी पहले ही सख्त निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
आज से शुरू होगा चेकिंग अभियान
मंगलवार से प्रशासन पूरे शहर में मेडिकल स्टोर और डिपो से सभी प्रकार के कफ सिरप के नमूने एकत्र करने का अभियान शुरू करेगा। ये नमूने प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे जाएंगे। यदि किसी भी सिरप में प्रतिबंधित या हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं, तो निर्माता, विक्रेता और सिरप लिखने वाले डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ड्रग इंस्पेक्टर लोकेश गुप्ता ने बताया कि सोमवार को उन्होंने सात डिपो का निरीक्षण किया। किसी भी डिपो में कोल्ड्रिफ सिरप नहीं पाया गया और इंदौर में इस सिरप की कोई सप्लाई नहीं हुई है।
बिक्री पर प्रतिबंध लागू
कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि जिले में चल रहे अभियान के तहत इस कफ सिरप की व्यापक जांच की जा रही है। उन्होंने सभी ड्रग कंट्रोलर को फील्ड में रहकर विशेष निगरानी बनाए रखने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध भी लागू कर दिया गया है।
यदि कोई डॉक्टर इसे लिखता है या केमिस्ट इसके विक्रय में लिप्त पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में, प्रतिबंधित कफ सिरप की बिक्री रोकने के लिए प्रशासन ने एक विशेष टीम का गठन भी किया है।