Bhavantar Yojana Update: सीएम मोहन यादव ने की बड़ी घोषणा, किसानों को 15 दिन में सीधे खाते में मिलेगा पैसा, 17 अक्टूबर तक होंगे रजिस्ट्रेशन

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By Pinal PatidarPublished On: October 7, 2025

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि अब सोयाबीन की बिक्री के 15 दिन के भीतर भावांतर योजना (Bhavantar Yojana) की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक सुरक्षा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। भावांतर योजना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिससे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और बाजार मूल्य के बीच का अंतर सीधे किसानों के पास पहुंचेगा।

पंजीयन प्रक्रिया और अंतिम तिथि


सरकार ने बताया कि सोयाबीन फसल के लिए भावांतर योजना में पंजीयन (Registration) जारी है। विदिशा जिले में तीन अक्टूबर से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ और पहले ही दिन 65 समितियों में 353 किसानों ने आवेदन किया। किसानों में इस योजना को लेकर उत्साह देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने पंजीयन की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर 2025 तय की है। जिन किसानों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, वे निर्धारित समय सीमा तक भावांतर पोर्टल (Bhavantar Portal) पर पंजीकरण कर सकते हैं।

बिक्री की तारीख और भुगतान की प्रक्रिया

भावांतर योजना के तहत पंजीकृत किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक अपनी सोयाबीन फसल बेच सकेंगे। बिक्री के बाद 15 दिनों के भीतर भावांतर राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों को लंबे समय तक भुगतान की प्रतीक्षा से राहत देना और उन्हें वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

बाजार भाव और न्यूनतम समर्थन मूल्य

मौजूदा बाजार में कई बार सोयाबीन का भाव MSP से नीचे चला जाता है। ऐसे में किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार भावांतर के माध्यम से करेगी। इससे किसान अपनी फसल बेचने में हिचकिचाए बिना बेहतर दाम पर विक्रय कर सकेंगे।

राशि सीधे बैंक खाते में

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पारदर्शिता और समयबद्धता को प्राथमिकता दे रही है। किसानों को अब किसी प्रकार की देरी या मध्यस्थता का सामना नहीं करना पड़ेगा। राशि सीधे उनके बैंक खातों में डीवीडी (Direct Benefit Distribution) प्रणाली से ट्रांसफर होगी। उन्होंने यह भी कहा कि भावांतर योजना किसानों की मेहनत का सम्मान है और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का ठोस कदम है।

मॉडल रेट का उदाहरण

किसी भी अवधि के लिए मॉडल रेट के अनुसार भुगतान किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, यदि 1 से 15 नवंबर के बीच प्रदेश में 10 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन बिके और उसमें से 6 लाख मीट्रिक टन की बिक्री 4,500 रुपए प्रति क्विंटल पर हुई, जबकि MSP 5,328 रुपए है, तो 828 रुपए प्रति क्विंटल का अंतर सीधे किसानों के खाते में जाएगा।

रेट विवाद को कम करने की व्यवस्था

राज्य मंडी बोर्ड ने बताया कि 1 अप्रैल से सभी मंडियां ई-मंडी सिस्टम से जुड़ चुकी हैं। सभी खरीदारी कैमरों की निगरानी में होगी। इससे मूल्य विवाद कम होंगे और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहेगी। ऑनलाइन डेटा के जरिए यह रिकॉर्ड रहेगा कि किस व्यापारी ने कितना माल खरीदा। मंडी के बाहर ई-अनुज्ञा के माध्यम से हुई बिक्री का रिकॉर्ड भी सिस्टम में दर्ज होगा।

भोपाल मंडी में हालिया स्थिति

भोपाल की करोंद मंडी में 17 सितंबर को नई सोयाबीन की आवक हुई। इस दिन 20 क्विंटल सोयाबीन 4,672 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदी गई। इसके बावजूद मंडी में सोयाबीन की आवक जारी रही। यही कारण है कि सरकार ने किसानों को नुकसान से बचाने और MSP का लाभ दिलाने के लिए भावांतर योजना लागू की है।