स्वछता के बाद अब इस चीज में भी नंबर 1 बना Indore, प्रशासन चला रही यह खास अभियान, मिलेगा 1000 रूपए का इनाम

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By Abhishek SinghPublished On: October 7, 2025

स्वच्छता में राष्ट्रीय स्तर पर कई रिकॉर्ड बनाने के बाद अब इंदौर ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है — यह देश का पहला भिक्षुक मुक्त शहर बन गया है। इस उपलब्धि को स्थायी बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान को और कड़ाई से लागू करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने निर्देश दिए हैं कि शहर में यदि कहीं भी भिक्षावृत्ति की जानकारी मिलती है, तो उसकी सटीक सूचना देने वाले नागरिक को ₹1000 का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

शहर के प्रमुख स्थलों पर सख्त निगरानी व्यवस्था


अभियान के अंतर्गत शहर के प्रमुख स्थलों — जैसे बड़ा गणपति मंदिर, रेलवे स्टेशन, सत्य साईं चौराहा सहित अन्य प्रमुख मठ-मंदिरों, आश्रमों और सार्वजनिक स्थलों पर विशेष निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। प्रशासन ने नागरिकों से आग्रह किया है कि यदि इन स्थानों पर कोई व्यक्ति भिक्षा मांगता दिखाई दे, तो वे तुरंत निर्धारित हेल्पलाइन नंबर पर इसकी जानकारी दें। सूचना की पुष्टि होने पर संबंधित नागरिक को पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

800 लोगों का सफल पुनर्वास सुनिश्चित

बैठक में साझा की गई जानकारी के अनुसार, पिछले अभियान के दौरान 4,500 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 800 का सफलतापूर्वक पुनर्वास किया जा चुका है। इस संख्या में 115 बच्चे और किशोर भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भीख मांगने वाले 172 बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए विभिन्न स्कूलों में प्रवेश भी दिलवाया गया है।

भिक्षा रोकथाम के साथ पुनर्वास पर जोर

कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भिक्षावृत्ति में संलिप्त व्यक्तियों को केवल रोका ही न जाए, बल्कि उनकी काउंसलिंग कर उन्हें रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसरों से जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि नशे की लत या आपराधिक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को सुधार गृह भेजकर आवश्यक परामर्श एवं पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक

कलेक्टर शिवम वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भिक्षुक मुक्त इंदौर की पहचान को स्थायी रूप से बनाए रखने हेतु एक व्यापक रणनीति तैयार की गई। इस अवसर पर कलेक्टर वर्मा ने कहा, “स्वच्छता के साथ-साथ सामाजिक स्वच्छता भी हमारी प्राथमिकता है। भिक्षुक मुक्त इंदौर की पहल एक संवेदनशील और आत्मनिर्भर समाज के निर्माण की दिशा में सार्थक कदम है।”