भारत-चीन विवाद: केंद्र सरकार ने LAC पर बुलाई सर्वदलीय बैठक, रक्षा मंत्री होंगे शामिल

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: September 16, 2020
india china

नई दिल्ली। कोरोना के साथ-रहा है थ भारत-चीन के बीच विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। जिसके चलते मंगलवार को संसद में इस मामले में भी चर्चा हुई। वही,केंद्र सरकार ने बॉर्डर पर बढ़ते तनाव को मत्तेनजर रखते हुए बुधवार शाम को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। जिसमे सरकार की तरफ से राजनाथ सिंह शामिल होंगे। लेकिन, विपक्ष की तरफ से कई दल शामिल हो सकते हैं।

वही मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि,”वहां हम चुनौती का सामना कर रहे हैं लेकिन हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं।”

साथ ही लोकसभा में एक बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि,” इस सदन को प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि यह सदन और सारा देश सशस्त्र बलों के साथ है जो देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए डटकर खडे़ हैं।” उन्होंने कहा कि,”भारत, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने को प्रतिबद्ध है। भारत ने चीन को अवगत कराया है कि भारत-चीन सीमा को जबरन बदलने का प्रयास अस्वीकार्य है।”

रक्षा मंत्री ने कहा कि, ”मैं इस बात पर बल देना चाहूंगा कि भारत शातिपूर्ण बातचीत और परामर्श से सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से मैंने चार सितंबर को चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत की।” उन्होंने कहा कि, ”मैंने स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहते हैं और चीनी पक्ष मिलकर काम करे।”

साथ ही उन्होंने कहा कि, पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे से संदेश दिया गया कि समस्त देशवासी जवानों के साथ खड़े हैं। रक्षा मंत्री ने अपने लद्दाख दौरे के बारे में बताते हुए कहा, ”मैंने भी जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम को महसूस किया।” रक्षामंत्री ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा निर्धारण का प्रश्न अभी अनसुलझा है और दोनों पक्ष मानते हैं कि सीमा जटिल मुद्दा है तथा शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये समाधान निकाला जाना चाहिए।

रक्षा मंत्री ने कहा कि, भारत का मानना है कि द्विपक्षीय संबंधों का विस्तार किया जा सकता है और सीमा मुद्दे पर बातचीत की जा सकती है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी उल्लंघन वाली गतिविधि का द्विपक्षीय रिश्तों पर असर पड़ेगा।राजनाथ सिंह ने कहा कि समझौते में यह भी है कि सीमा मुद्दे का पूर्ण समाधान नहीं होने तक वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किसी सूरत में नहीं किया जाएगा।