चैतन्य भट्ट
लो भैया अपने नामदेव दास त्यागी उर्फ़ ‘ कम्प्यूटर बाबा’ का इंदौर के आश्रम पर बुलडोजरों की वक्र दृष्टि पड़ गयी और सुंबह सुबह हीं उनके अवैध कब्जे पर सरकारी बुलडोजर चल गया. कभी अपने ‘मामाजी’ के खास रहे कम्प्यूटर बाबा को मामाजी ने राज्य मंत्री का दर्जा दे रखा था पर न जाने क्या हुआ कि विधानसभा चुनाव आते आते उनकी मोहब्बत एकदम से कमलनाथ के प्रति जाग गयी और वे मामाजी के खिलाफ बातें करने लगे, उसी समय अपने को समझ में आ गया था की कम्प्यूटर बाबा के भीतर कोई ‘वायरस’ आ गया है जो उनकी ‘पुरानी फाइलों’ को ख़राब कर रहा है. कमलनाथ के खेमे के आने के बाद से ही बाबाजी ने मामाजी यानि शिवराज सिंह के खिलाफ आंदोलन छेड़ने की घोषणा कर दी और जैसे ही कांग्रेस की सरकार बानी उनकी ‘चार जीबी’ की ‘रेम’ ‘सोलह जीबी’ की हो गयीl बाबाजी को फिर एक बार राज्य मंत्री का दर्जा मिल गया, लेकिन कहते हैं न कि समय का कोई भरोसा तो है नहीं, वो भी आजकल राजनेताओं की तरह ‘बिहेब’ करने लगा है कब कंहा ले जाए कब क्या दिखा दे किसी को कुछ पता नहीं होता, देखते ही देखते कमलनाथ जी ने सिंधिया जी से कह दिया कि सड़क पर उतरना है तो उतर जाओ, पर खुद ही सड़क पर आ गए, महाराजा ने ऐसा झटका दिया कि पंद्रह महीने की सरकार एक झटके में ही कुर्सी से उतर गयी, कमलनाथ सरकार के जाने के बाद कम्प्यूटर बाबा को ये समझ लेना चाहिए था कि उनकी ‘हार्ड डिस्क करप्ट’ हो गयी है ‘सॉफ्ट वेयर’ में भी गड़बड़ी आ गयी है इधर कमलनाथ सरकार का ‘सर्वर भी डाउन’ हो गया है तो जितनी जल्दी हो सके अपने आप को फिर से मामाजी के पावरफुल ‘सर्वर’ से जोड़ लो क्योंकि ‘पावर’ कम होने के कारण भी कम्प्यूटर काम करना बंद कर देता है पर बाबाजी अपने कम्प्यूटर की गड़बड़ी को समझ नहीं पाए और ‘कांग्रेसी वायरस’ के साथ कम्प्यूटर चलाते रहे जाहिर है जब कम्प्यूटर में वायरस हो और उसमें उसमें ‘एंटी वायरस’ न डाला हो तो ‘फाइलें’ तो उड़ेंगी ही और वो ही हुआ पावर कम हुआ उधर ‘हार्ड डिस्क’ में प्रॉब्लम आ गयी, वैसे तो हवा का रूख पहचानने में बाबाजी काफी एक्सपर्ट है लेकिन इस बार उनके कम्प्यूटर ने उनको धोखा दे दिया ‘हार्डडिस्क’ ऐसी करप्ट हुई कि तमाम कोशिशों के बाद भी पुराना मेटर ‘रिस्टोर’ नहीं हो पाया, उपचुनाव में ही बाबा जी ने जी भर कर मामाजी के खिलाफ जहर उगला वे ये भूल गए थे कि जैसे पुलिस वालों के बारे में कहा जाता है कि न तो इनसे दोस्ती अच्छी न दुश्मनी वैसा ही आजकल नेताओ के साथ भी होने लगा है राजनेताओ से न दोस्ती अच्छी न दुश्मनी, पता नहीं कब कौन पार्टी बदल कर सरकार गिरा दे, न जाने कब कैसे दूसरा पहले को धकेल कर खुद कुर्सी पर बैठ जाए पर बाबाजी ये समझ नहीं पाए और जैसी ही उपचुनाव की वोटिंग ख़त्म हुई बाबाजी के आश्रम पर बुलडोजर चल गया, कहते हैं बाबाजी नें कई एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा था l कांग्रेस कह रही है कि सरकार ने बदले की मन्शा से ये कार्यवाही की है अब कोई इन्हें बताये कि ऐसी कौन से सरकार है जोअपने विरोधियों को नहीं निबटाती सो उनने ही उनके कम्प्यूटर में ऐसा वायरस डाल दिया कि न तो अब उसमें ‘पावर सप्लाई’ ठीक ढंग से हो रही है न मामाजी के ज़माने की फाइलें ही खोजने पर मिल रही है ‘रेम’ काम कर नहीं रहा है ‘सॉफ्ट वेयर’ में भी गड़बड़ी आ रही है और इन सबके चक्कर में पूरी ‘हार्ड डिस्क’ ही बैठ गयी है अब कम्प्यूटर चले तो चले कैसे, वैसे अपनी तो बाबाजी को एक सलाह है कि अब ये राजनीती का चक्कर छोडो और सिर्फ ‘बाबागिरी’ करो आजकल के ज़माने में बाबा गिरी से ज्यादा अच्छा धंधा और कोई नहीं है समझ गए न बाबाजी, वरना राजनीति में घुसने का हश्र तो आप ने देख ही लिया है.
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सरकारों पर भरोसा
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रूसी अर्थशास्त्री ने एक सर्वे करके ये बताया कि जब से इंटरनेट और मोबाइल आये है तब से लोगों का भरोसा सरकारों पर कम हो गया है, बताया जाता है कि इस सर्वे के लिए उस रूसी अर्थशास्त्री ने काफी समय लगाया और उसके बाद सर्वे का ये रिजल्ट सामने रखा, अपने को तो लगता है कि फालतू में ही रूसी अर्थ शास्त्री ने अपना समय बर्बाद किया वैसे भी सरकारों पर भरोसा करता ही कौन है और ये बात आज से नहीं बरसों से चली आ रही है क्योकि सरकार में कौन लोग होते है वो होते है राजनेता और राजनेतओं पर तो बरसों हो गए भरोसा न करते हुए। ये लोग तो वायदे करने में सिद्धहस्त होते है जब तक कुर्सी पर नहीं तब तक ढेर सारे वायदे करते हैं और जैसे ही सरकार में आते है अपने वायदे भूल जाते है और जनता ये ही गाना गाते गाते आप टाइम पास करती रहती है
‘वादा तेरा वादा, वादा तेरा वादा वादे पे तेरे मारा गया बन्दा मैं सीधा साधा, वादा तेरा वादा’
सुपरहिट ऑफ़ द वीक
श्रीमती जी ने श्रीमान जी से कहा
‘और शराब मत पियो, डाक्टर ने सिर्फ दो पेग लेने कहा है ‘
मैं एक दूसरे डाक्टर से भी मिला था उसने भी दो पैग पीने कहा है’ श्रीमान जी ने समझाया