उज्‍ज्‍वला योजना से बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण को बड़ी गति मिली है: पीएम

Author Picture
By Akanksha JainPublished On: August 11, 2021

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज महिला सशक्तिकरण पर सरकार के दृष्टिकोण के बारे में विस्‍तार से बताया। उन्होंने कहा कि मकान, बिजली, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव ने महिलाओं, विशेष रूप से गरीब महिलाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, आज जब हम आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं और पिछले सात दशकों की प्रगति को देखते हैं तो लगता है कि इन समस्याओं का समाधान दशकों पहले हो जाना चाहिए था।उज्‍ज्‍वला योजना से बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण को बड़ी गति मिली है: पीएम

वह आज वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये उत्तर प्रदेश के महोबा में उज्‍ज्‍वला 2.0 का शुभारंभ करने के बाद बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि छत का टपकना, बिजली न होना, परिवार में बीमारी, शौचालय के लिए अंधेरा होने का इंतजार, स्कूलों में शौचालय का न होना हमारी मां-बेटियों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। प्रधानमंत्री ने एक व्‍यक्तिगत टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी पीढ़ी अपनी माताओं को धुएं और गर्मी से पीड़ित देखते हुए बड़ी हुई है।

प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि यदि हमारी ऊर्जा इन बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में ही खर्च हो जाती है तो हम अपनी आजादी के 100 साल की ओर कैसे बढ़ सकते हैं। यदि कोई परिवार या समाज बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा हो तो वह बड़े सपने कैसे देख सकता है और उसे कैसे हासिल किया जा सकता है। हमें यह महसूस करना होगा कि उन सपनों को पूरा करने के लिए आवश्‍यक है कि समाज अपने सपनों को पूरा करे। प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘आत्‍मविश्‍वास के बिना कोई राष्ट्र आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है।’

मोदी ने कहा कि हमने 2014 में ये सवाल खुद से पूछे थे। यह बिल्‍कुल स्पष्ट था कि इन समस्याओं को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर दूर करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्र निर्माण में व्यापक योगदान तभी कर पाएंगी जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि इसलिए पिछले 6-7 वर्षों के दौरान सरकार ने महिला सशक्तिकरण के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए मिशन मोड में काम किया है। उन्होंने ऐसे कई हस्तक्षेप का उल्‍लेख किया जैसे-

 

  • स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए।
  • गरीब परिवारों के लिए 2 करोड़ से अधिक मकान बनाए गए जिनमें ज्यादातर महिलाओं के नाम पर हैं।
  • ग्रामीण सड़क।
  • सौभाग्य योजना के तहत 3 करोड़ परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला।
  • आयुष्मान भारत के तहत 50 करोड़ लोगों को मुफ्त इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक का कवर मिल रहा है।
  • मातृ वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण और पोषण के लिए रकम का सीधा हस्तांतरण।
  • कोरोना काल में महिलाओं के जनधन खाते में सरकार की ओर से 30 हजार करोड़ रुपये जमा कराए गए।
  • जल जीवन मिशन के तहत हमारी बहनों को नल जल मिल रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में व्यापक बदलाव लाया है। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना से बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण को काफी बल मिला है। इस योजना के पहले चरण में गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों की 8 करोड़ महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में इस मुफ्त गैस कनेक्शन के लाभ को महसूस किया गया। जब कारोबार रुक गया था और आवाजाही पर प्रतिबंध लगा था तो करोड़ों गरीब परिवारों को महीनों तक मुफ्त गैस सिलेंडर मिला। प्रधानमंत्री ने पूछा, ‘कल्पना कीजिए, यदि उज्ज्वला नहीं होती तो इन बेचारी बहनों का क्या हाल होता।