किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार दे रही है 60 HP ट्रैक्टर, जानें कैसे उठाएं लाभ?

पंजाब सरकार पराली प्रबंधन को आसान बनाने के लिए 1100 किसानों को 50-60 HP के शक्तिशाली ट्रैक्टर उपलब्ध करा रही है। यह पहल किसानों को सुपर सीडर और हैप्पी सीडर जैसे आधुनिक यंत्रों के उपयोग में मदद करेगी, जिससे वायु प्रदूषण कम होगा और खेतों की उपजाऊ क्षमता बढ़ेगी।

Srashti Bisen
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धान की कटाई के बाद किसानों के सामने सबसे बड़ी चुनौती होती है पराली का प्रबंधन। फसल अवशेषों को जलाने से वायु प्रदूषण में वृद्धि होती है, जिससे न केवल पर्यावरण बल्कि स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।

इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत पंजाब के 1100 किसानों को बड़े और शक्तिशाली ट्रैक्टर दिए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य पराली प्रबंधन को आसान और कम खर्चीला बनाना है।

पराली प्रबंधन में ट्रैक्टरों की अहम भूमिका

पराली को जलाने की बजाय वैज्ञानिक तरीके से उसका प्रबंधन करना जरूरी है, जिसके लिए किसानों को कुछ खास कृषि यंत्रों की आवश्यकता होती है जैसे हैप्पी सीडर और सुपर सीडर। लेकिन इन यंत्रों को चलाने के लिए सामान्य 35-40 हॉर्सपावर वाले ट्रैक्टर पर्याप्त नहीं होते। इन मशीनों को सही ढंग से चलाने के लिए कम से कम 50-60 HP के ट्रैक्टर की जरूरत होती है। अधिकतर छोटे किसान या तो इस तरह के ट्रैक्टर खरीद नहीं पाते या किराये पर लेने में असमर्थ रहते हैं, जिससे वे पराली को जलाने पर मजबूर हो जाते हैं।

किसानों को मिलेंगे अधिक शक्तिशाली ट्रैक्टर

राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए ऐसे किसानों को 50 से 60 HP के ट्रैक्टर देने का निर्णय लिया है, जो पराली प्रबंधन के लिए उपयुक्त होंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि खेतों में फसल अवशेषों का सही तरीके से प्रबंधन भी हो पाएगा। ट्रैक्टर मिलने से किसानों को किराए पर महंगे ट्रैक्टर लेने की आवश्यकता नहीं रहेगी और वे आधुनिक कृषि उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल कर सकेंगे।

केवल पंजाब के किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

यह योजना विशेष रूप से पंजाब राज्य के किसानों के लिए तैयार की गई है। खासकर उन छोटे और आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को ध्यान में रखकर, जिनके पास या तो ट्रैक्टर नहीं हैं या फिर ऐसे ट्रैक्टर हैं जो इन आधुनिक कृषि यंत्रों को नहीं चला सकते। इस योजना का लाभ अन्य राज्यों के किसानों को नहीं दिया जाएगा।

सुपर सीडर: पराली को मिट्टी में बदलने वाली मशीन

सुपर सीडर मशीन किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। यह मशीन फसल के अवशेषों को काटकर मिट्टी में मिला देती है और साथ ही गेहूं या सरसों की बुवाई भी कर सकती है। जब यह अवशेष मिट्टी में मिलते हैं, तो वे धीरे-धीरे सड़कर खाद में बदल जाते हैं। इससे खेत की उर्वरता बढ़ती है और जमीन की नमी भी बरकरार रहती है, जो आनेवाली फसलों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

हैप्पी सीडर: मल्चिंग और बुवाई का एकसाथ समाधान

हैप्पी सीडर एक ऐसी मशीन है जो फसल की कटाई के बाद बचे भूसे को हटाने और बीज की बुवाई एकसाथ करती है। यह भूसे को खेत में फैला देती है, जिससे यह एक प्रकार की मल्चिंग बन जाती है। यह प्रक्रिया मिट्टी की नमी बनाए रखने में सहायक होती है और बीजों के अच्छे अंकुरण को भी सुनिश्चित करती है। खेत में बिछा यह भूसा कुछ ही दिनों में सड़कर खाद बन जाता है, जो मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है।

प्रदूषण से मिलेगी राहत

इस योजना से न केवल किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि इससे पर्यावरणीय स्तर पर भी बड़ा फायदा होगा। पराली जलाने से जो वायु प्रदूषण होता है, उसमें भारी कमी आएगी। मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी, जल संरक्षण होगा और फसलों की उत्पादकता भी बेहतर होगी। यह पहल किसानों को आधुनिक कृषि की ओर बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी।