आयकर विधेयक 2025 को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे सदन में प्रस्तुत किया और इसके सेलेक्ट कमिटी को भेजने का प्रस्ताव रखा। कमिटी अपनी रिपोर्ट अगले सत्र के पहले दिन लोकसभा में पेश करेगी। विधेयक के पेश होने के बाद सदन की कार्यवाही को 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 7 फरवरी को केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी।
इस विधेयक का विरोध तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय समेत कुछ विपक्षी नेताओं ने किया। हालांकि, वित्त मंत्री ने उनके विरोध के बावजूद इसे पेश किया और लोकसभा अध्यक्ष से इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजने का अनुरोध किया।
![वित्त मंत्री ने संसद में पेश किया नया इनकम टैक्स बिल, सदन की कार्यवाही 10 मार्च तक स्थगित](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/Untitled-design-77.jpg)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक का एलान 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में किया था। यह नया विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा और इसके माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों को सरल, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने की कोशिश की गई है, ताकि मुकदमेबाजी को भी कम किया जा सके।
वित्तीय वर्ष (FY) और मूल्यांकन वर्ष (AY) की अवधारणा हो जाएगी समाप्त
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इस विधेयक के कानून बनने के बाद, पुराने आयकर अधिनियम में प्रयोग किए गए “वर्ष” और “मूल्यांकन वर्ष” (FY-AY) की अवधारणाएं समाप्त हो जाएंगी। इसके साथ ही यह विधेयक पहले के 298 धाराओं के मुकाबले 536 धाराओं के साथ आएगा। इसके अलावा, 14 अनुसूचियां बढ़कर 16 हो जाएंगी। हालांकि, नए कानून में अध्यायों की संख्या 23 ही रहेगी, लेकिन पृष्ठों की संख्या 622 हो जाएगी, जो पुराने कानून के आधे से भी कम है।
नए आयकर विधेयक में व्यक्तियों, कंपनियों, और अन्य करों के बारे में नियमों को सरल तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा। पुराने कानून में विभिन्न तरह के करों को समाप्त कर दिया गया था, और यह विधेयक भी उसी दिशा में आगे बढ़ेगा।