बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्वांजलि दी। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,’बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि। जय भीम।’
Tributes to Dr. Babasaheb Ambedkar on his Jayanti. Jai Bhim! pic.twitter.com/Ir4NkDvqUg
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2024

साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन में भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को उनकी 134वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी संसद परिसर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की।
बाबा साहेब स्मृति दिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है। डॉ अम्बेडकर एक समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ , न्यायविद और भारतीय सविधान के निर्माता थे। बाबा साहेब ने भारतीय स्वतंत्रता में अहम् भूमिका निभाई थी।
बाबा साहेब का सामाजिक योगदान:
बाबा साहेब ने सभी लोगो की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की परवाह किये बिना सभी के लिए शिक्षा, स्वस्थ्य देखभाल और आवास जैसी मूलभूत सुविधाओं के प्रावधान के प्रबल समर्थक थे। वे सभी के लिए शिक्षा के प्रावधान की वकालत करते थे। उनका मानना था कि शिक्षा ही गरीबी उन्मूलन और सामाजिक गतिशीलता को बढ़ावा देने की कुंजी है। बाबा साहेब का मानना था की गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य तक पहुंच सभी का मौलिक अधिकार है।
बाबा साहेब की AIMS, वित्त आयोग, RBI जैसे संस्थाओं की स्थापना में अहम् भूमिका:
बाबा साहेब ने ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ यानी AIMS की भूमिका में अहम् भूमिका अदा की थी। जो भारत के महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थानों में से एक है। बाबा साहेब ने वर्ष 1951 में वित्त आयोग की भी स्थापना की। भारतीय रिज़र्व बैंक की स्थापना में भी बाबा साहेब ने अहम् भूमिका निभाई थी।
बाबा साहेब के विचार:
पानी की एक बून्द के विपरीत जो समुद्र में मिल जाने पर अपनी पहचान खो देती है, मनुष्य उस समाज में अपना अस्तित्व नहीं खोता जिसमे वह रहता है। मनुष्य का जीवन स्वतंत्र है। उसका जन्म केवल समाज के विकास के लिए नहीं बल्कि स्वयं के विकास के लिए हुआ है।