DA Hike: 2022 से कर्मचारी और पेंशनर्स को नहीं मिला महंगाई भत्ता, सरकार से लगातार बढ़ रही नाराजगी, जानें कब मिलेगा लाभ?

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By Meghraj ChouhanPublished On: January 28, 2024

DA Hike: हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच सरकार को लेकर नाराज़गी है। राज्य के कर्मचारी काफी लम्बे समय से महंगाई भत्ते की किश्त का इंतज़ार कर रहे है। मगर उनका यह इंतज़ार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों और सेवानिवृतों को राज्य के राज्यत्व दिवस के अवसर पर DA और एरियर मिलने की आस में थे। मगर सीएम ने इस अवसर पर महंगाई भत्ते और एरियर से जुडी कोई घोषणा नहीं की।

आपको बता दें कि राज्य के कर्मचारियों को 2022 से महंगाई भत्ता नहीं मिला है। इसके साथ कर्मचारियो व पेंशनराें को 12 फीसदी डीए मिलना शेष है। हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के सत्ता में आने के बाद पहली बार आयोजित हुए पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों को 3 फीसदी डीए देने की घोषणा की थी। जिसके कारण इस बार भी राज्य के कर्मचारियों को राज्यत्व दिवस के अवसर पर डीए की घोषणा की उम्मीद थी।

12 फीसदी डीए मिलना शेष:

राज्य के मंडी जिला के धर्मपुर में आयोजित हो रहे पूर्ण राज्यत्व दिवस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के द्वारा कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते पर घोषणा की उम्मीद थी। मगर सीएम ने महंगाई भत्ते से जुड़ी कोई घोषणा नहीं की। आपको बता दें कि कर्मचारियो व पेंशनराें को 12 फीसदी डीए मिलना शेष है।

2022 से बाकी है डीए का भुगतान:

राज्य सरकार की तरफ से कर्मचारियों और पेंशनरों को जुलाई 2022, जनवरी 2023 और जुलाई 2023 की 4-4 फीसदी डीए की किश्त का भुगतान देना शेष है। इस तरह कुल 12 कर्मचारियो व पेंशनराें को 12 फीसदी डीए मिलना शेष है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का डीए 46 फीसदी पर पहुंच गया है और प्रदेश सरकार के कर्मचारियों का डीए 34 फीसदी है। यानी, प्रदेश सरकार का डीए केंद्र सरकार से 12 फीसदी कम है।

कर्मचारियों की सीएम से मांग:

सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारी अपने वित्तीय हक के लिए कब तक इंतजार करेंगे। हमने पहली ही मुख्यमंत्री से मांग की है कि कर्मचारियों को किश्तों में डीए और इसी तरह से बकाया दस हजार करोड़ एरियर का भुगतान किया जाए। आशा करते हैं कि मुख्यमंत्री कर्मचारी वर्ग के हितों को ध्यान में रखेंगे।