ओडिशा सरकार ने राज्य में बढ़ती तलाक की दरों को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, राज्य में विवाह-पूर्व परामर्श केंद्र (प्री-मैरिटल काउंसलिंग सेंटर) स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही, ओडिशा सरकार ने वर्ष 2025 को “तलाक रोकथाम वर्ष” के रूप में मनाने का भी ऐलान किया है।
उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा ने बताया कि इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य नवविवाहित जोड़ों को वैवाहिक जीवन के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार करना है, ताकि तलाक के मामलों में कमी लाई जा सके। ये केंद्र “मां रा छाता” या “मदर कोर्ट” के नाम से जाने जाएंगे और उनका उद्देश्य वैवाहिक जीवन में उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कम करना है, जिससे समाज में स्थिरता और मजबूत संबंध स्थापित हो सकें।
![राज्य सरकार का बड़ा फैसला! तलाक की संख्या कम करने के लिए 2025 को 'तलाक रोकथाम वर्ष' घोषित, प्री-मैरिटल काउंसलिंग सेंटर होंगे स्थापित](https://ghamasan.com/wp-content/uploads/2025/02/Untitled-design-74.jpg)
यह निर्णय राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के सुझावों के बाद लिया गया। वे ओडिशा राज्य महिला आयोग के 32वें स्थापना दिवस समारोह में राज्य का दौरा करने आईं थीं और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी से मुलाकात के दौरान यह प्रस्ताव रखा था। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इन केंद्रों से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा और तलाक की दर में भी कमी आएगी।
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इसके अलावा, ओडिशा सरकार ने अंतर्जातीय विवाह को बढ़ावा देने के लिए “सुमंगल पोर्टल” भी लॉन्च किया है, जिसके माध्यम से ऐसे विवाह करने वाले जोड़ों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।