यूपी के इन जिलों में बढ़ेंगे प्रॉपर्टी के रेट, हजारों करोड़ रुपए की लागत से बनेंगे 8 नए एक्सप्रेसवे, कई जगह शुरू हुआ काम

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By Raj RathorePublished On: November 3, 2025
UP Expressway

Uttar Pradesh Infrastructure : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में बुनियादी ढांचे को एक नई ऊंचाई देने के लिए आठ नए एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं का मकसद प्रदेश के विभिन्न हिस्सों, विशेषकर छोटे शहरों और धार्मिक स्थलों को बड़े महानगरों से जोड़ना है, ताकि आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके। इस मास्टर प्लान के तहत कुछ परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो गया है।



इन एक्सप्रेसवे के बनने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सरकार का लक्ष्य इन परियोजनाओं के माध्यम से उत्तर प्रदेश को देश के हर कोने से सीधे जोड़ना है।

सबसे लंबा होगा विंध्य एक्सप्रेसवे

प्रस्तावित परियोजनाओं में 320 किलोमीटर लंबा विंध्य एक्सप्रेसवे सबसे प्रमुख है। इसके निर्माण पर लगभग 23,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर मिर्जापुर, वाराणसी और चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को अगले दो से तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

विंध्य और पूर्वांचल क्षेत्र पर विशेष ध्यान

सरकार विंध्य और पूर्वांचल क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर खास जोर दे रही है। इसी कड़ी में कई लिंक एक्सप्रेसवे की योजना बनाई गई है:

  • विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे: लगभग 100 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे चंदौली के पास विंध्य एक्सप्रेसवे को गाजीपुर के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसके लिए करीब 7,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
  • विंध्य जालौन एक्सप्रेसवे: यह 115 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे जालौन जिले को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 27 के साथ बनाया जाएगा। शुरुआत में यह 4-लेन का होगा, जिसे भविष्य में 6-लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए 63 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे इन इलाकों में प्रॉपर्टी की कीमतों में उछाल आने की उम्मीद है।

धार्मिक स्थलों तक पहुंच होगी आसान

कई एक्सप्रेसवे का निर्माण धार्मिक और पर्यटन स्थलों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों का सफर आसान हो सके।

चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे: 120 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट धाम को वाराणसी और बांदा से जोड़ेगा। इस परियोजना को 2026 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है।

चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे: यह 70 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के चित्रकूट को सीधे मध्य प्रदेश के रीवा से जोड़ेगा, जिससे दोनों राज्यों के बीच आवागमन सुगम होगा।

मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे: गाजियाबाद से मेरठ तक बने एक्सप्रेसवे को अब हरिद्वार तक बढ़ाया जाएगा। यह लिंक एक्सप्रेसवे प्रयागराज से आ रहे गंगा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हरिद्वार की यात्रा और भी तेज हो जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक एक्सप्रेसवे

इन बड़ी परियोजनाओं के अलावा, मौजूदा एक्सप्रेसवे नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए भी कई लिंक एक्सप्रेसवे प्रस्तावित हैं।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे गंगा लिंक: यह लिंक एक्सप्रेसवे फर्रुखाबाद के रास्ते आगरा एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा। इसके लिए 900 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है और निर्माण 2025 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

जेवर लिंक एक्सप्रेसवे: यह एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे को सीधे जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ेगा, जिससे एयरपोर्ट तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा। सरकार ने इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए भी बजट आवंटित कर दिया है।