शिमला मिर्च की खेती अब किसानों के लिए एक बेहतरीन मुनाफे का जरिया बन गई है। इसकी अच्छी बाजार कीमत और मांग विशेष रूप से शादी के सीजन में और बढ़ जाती है। यदि किसान सही दिशा में निवेश करें, तो शिमला मिर्च की खेती से वे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। जानिए इस खेती के बारे में विस्तार से।
शिमला मिर्च मुख्य रूप से पांच रंगों में उगाई जाती है – लाल, पीला, हरा, नारंगी और बैंगनी। हालांकि, बाजार में लाल और पीले रंग की शिमला मिर्च की सबसे ज्यादा मांग रहती है। इन रंगों के पौधों की खेती करके किसान अच्छी कीमत पा सकते हैं और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

50% Subsidy पर शिमला मिर्च के पौधे
किसान अब शिमला मिर्च के पौधे 50% अनुदान पर प्राप्त कर सकते हैं। यह कदम किसानों की लागत को कम करने और उन्हें अधिक लाभ कमाने के लिए उठाया गया है। हरियाणा के करनाल स्थित उद्यान विभाग ने इंडो-इज़राइल परियोजना शुरू की है, जिसके तहत किसान खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यहां पर कृषि विशेषज्ञों से ट्रेनिंग और सलाह भी ली जा सकती है।
शिमला मिर्च की खेती के लिए प्रशिक्षण
विशेषज्ञों के अनुसार, शिमला मिर्च की खेती से पहले किसान ट्रेनिंग लें ताकि वे इस फसल की देखभाल ठीक से कर सकें और नुकसान से बच सकें। हरियाणा सरकार के उद्यान विभाग द्वारा किसानों को पौधे लेने पर 50% अनुदान दिया जाता है, जिससे उनकी खेती की लागत कम हो जाती है।
कैसे करें रंगीन शिमला की खेती?
रंगीन शिमला मिर्च की खेती के लिए पॉलीहाउस एक बेहतरीन विकल्प है। एक एकड़ में लगभग 10,000 पौधों की जरूरत होती है। पॉलीहाउस में शिमला मिर्च की खेती ज्यादा प्रभावी होती है, और इसके लिए किसानों को सब्सिडी भी मिलती है। पॉलीहाउस की मदद से किसान सर्दी-गर्मी के मौसम में भी शिमला मिर्च उगा सकते हैं और अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं।
रंगीन शिमला मिर्च की कीमत ₹100 से ₹300 प्रति किलो तक बिकती है, जो कि बड़े मंडियों में अधिक होती है। छोटे मंडियों में यह कीमत कम हो सकती है, लेकिन बड़ी मंडियों में यह और भी ज्यादा हो सकती है। इस तरह, शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है, बशर्ते वे बाजार की मांग और आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए खेती करें।
सरकार दे रही हैं शिमला मिर्च की खेती को प्रोत्साहन
कृषि विभाग के द्वारा किसानों को पौधे, प्रशिक्षण, और पॉलीहाउस की सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं और शिमला मिर्च की खेती से बेहतर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।