शिवराज जी का बतौर मुख्यमंत्री 14वां साल

Author Picture
By Ayushi JainPublished On: March 24, 2021

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भरपूर दर्शन हुए! सुबह से हिंदी और अंग्रेजी अख़बारों में उनके इंटरव्यू मय बड़े-बड़े विज्ञापन शाया हुए. दिनभर वे आभासी दुनिया यानी सोशल मीडिया पर हीरो बने रहे. शाम होते-होते उनके साक्षात् दर्शन हो गए जब वे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में रात्रि करीब 9 बजे पहुंचे. महाकालजी की परम भक्त साधना सिंह के साथ शिवराजजी बाबा के दरबार में नतमस्तक होते दिखाई दिए. शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहने और तमाम सरकारी व्यवस्थाओं की उपलब्धताओं के चलते शिवराजजी ये सब कर पाए और एक तरह से स्वयं को काफी प्रभावी ढंग से आम लोगों के बीच आज के ऐतिहासिक दिन पर प्रदर्शित कर सके!

कैसे भूला जा सकता है कि जब मध्य प्रदेश सहित समूचे भारत ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में कोरोना नामक दैत्य हाहाकार मचा रहा था, तब इसी राज्य में सत्ता का संघर्ष पूरे उफान पर था! वो अवधि विधानसभा चुनाव के कोई 15 माह बाद की थी. अनेकानेक कमियों, दुर्बलताओं, विरोधाभासों, विवादों और आरोपों के बीच कांग्रेस की 70 साल वाली पीढ़ी के सबसे योग्य, अनुभवी और दीर्घ दृष्टांत रखने वाले श्री कमलनाथ राज्य में चारों दिशाओं में बेहतरी के लिए छाप छोड़ने वाले कार्य कर रहे थे!

शिवराज जी का बतौर मुख्यमंत्री 14वां साल

माफियाओं की तो जैसे उन्होंने कमर ही तोड़ना शुरू कर दी थी! उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के विकास के लिए भी उनकी 300 करोड़ रूपए वाली कार्ययोजना आकार लेने लगी थी! उन्हें ये सब अख्तियार इसलिए मिले थे कि कायनात के सभी उपाय कर लेने के बावजूद बीजेपी बहुमत से दूर छिटक गई थी और कांग्रेस को एक तरह से जनादेश मिल गया था क्यूंकि 2013 के विधानसभा चुनाव में इस पार्टी को जो सीटें मिलीं थीं, वो 2018 के विधानसभा चुनाव में लगभग दुगुनी हो गई थीं!

खैर, सभी संबंधों और प्रबंध और उपबंध के कारण बीजेपी यानी शिवराज सिंह चौहान की मंडली सत्ता की सवारी कर चुकी है! ये सब कितना नैसर्गिक और न्यायोचित है, इस पर दूर तलक बहस होती रहेगी!…जनता के मन में जो बात घूम-घूम कर उभर रही है, वो है शिवराजजी के वर्तमान 14वें वर्ष के कार्यकाल की और उनकी सरकार के टिके रहने की! इतना तो स्पष्ट है कि जिस तरीके और संसाधनों से उनके नेतृत्व में सरकार बनी है, वो इस एक वर्ष में कोई गहरी छाप नहीं छोड़ पाई है!