Madhya Pradesh Weather Alert Today: पिछले काफी दिनों से प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मौसम में सर्दी का कहर लगातार बरकरार है। जहां घना कोहरा और टेंपरेचर में कमी लोगों को चिंतित करने लगी हैं। यहां वेदर डिपार्टमेंट ने आज अर्थात 11 दिसंबर को भी प्रदेश के अन्य कई जिलों में काला घना कोहरा छाए रहने की चेतावनी जारी कर दी है। हालांकि, कहीं भी वर्षा नहीं होगी, जिससे कृषकों को थोड़ा ही सही लेकिन सुकून तो मिलेगा।
MP इन दिनों प्रचंड सर्दी की लपेट में आ गया है। जहां इस सीजन में सबसे कम टेंपरेचर 7.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है, यह पारा पचमढ़ी में दर्ज हुआ है इसके साथ ही जिलों की बात की जाए तो राजगढ़ में पारा गिरकर 10.3 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया हैं। यहां तक ही नहीं बल्कि दो-तीन जिलों को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के बाकी अन्य जिलों का कम से कम टेंपरेचर लुढ़ककर 15 डिग्री सेल्सियस के पार आ गया। वहीं, ज्यादा से ज्यादा पारा में एक समान ही देखने को मिल रहा हैं। सबसे कम टेंपरेचर पचमढ़ी में 21.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया हैं। जहां बालाघाट के मलाजखंड में 21.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ है।
मध्य प्रदेश में आज इस तरह रहेगा मौसम का मिजाज
मौसम कार्यालय ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में आज भीषण काली चादर चढ़ी रहने की बात कह डाली हैं। जिसके बाद मौसम कार्यालय के अफसर ने राज्य के मौसम की खबर देते हुए बताया कि सोमवार को प्रदेश के कई क्षेत्रों में कोहरे का प्रभाव अत्यंत देखा जाएगा। प्रदेश में कहीं भी वर्षा नहीं होगी। इधर राज्य के सभी जिलों में मौसम साफ बना हुआ रहेगा।
छाया रहेगा घना कोहरा
इधर ग्वालियर संभाग के जिलों और शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, रीवा और छतरपुर में काली चादर भी चढ़ी हुई दिखाई देगी। जहां कल यानी की इतवार को प्रदेश में अधिक से अधिक पारा 27.5 डिग्री सेल्सियस उज्जैन में दर्ज किया गया। वहीं सबसे कम पारा 10.4 डिग्री सेल्सियस राजगढ़ में नोट किया गया।
छत्तीसगढ़ मौसम का हाल
छत्तीसगढ़ के छिटपुट जिलों में भी काला घना धुआं या धुंध लोगों को समस्या में डाल सकती हैं। मौसम कार्यालय के अनुसार आज भी कोहरा डेरा डाले रहेगा। जिसके साथ ही एक नई मौसम प्रणाली सक्रिय होने वाली है। इस कारण से प्रदेश में छिटपुट जगहों पर वर्षेक दौरान बादल छटने का अंदेशा जारी कर दिया गया है।
किसानों की फसलों को हो रहा बड़ा नुकसान
आपको बता दें कि मौसम में परिवर्तन के चलते राज्य के कई जिलों में चना सहित भिन्न भिन्न प्रकार की फसल बेकार होने की हालत पर पहुंच गई हैं। ऐसे में कृषकों की काफी ज्यादा समस्याएं काफी अधिक बढ़ गई है। जहां पहले ही गुजरे दिनों में वर्षा होने से चने की खेती को बेतहाशा नुकसान हुआ हैं। वहीं, अब फिर वातावरण में परिवर्ता से कृषक भाइयों की चिंताएं बढ़ा रहा है।
भाजी तरकारी पर भीषण ठंड का प्रभाव
असल में बढ़ती हुई सर्दी के चलते वेजिटेबल्स पर भी इसका गुप्ता असर देखा जा रहा हैं। वहीं यहां पारा गिरने का सर्वाधिक प्रभाव पपीता, सब्जियों में टमाटर, बैंगन, मीर्च और मटर पर देखने कोसाफ साफ दिखाई दे रहा है। इसके अतिरिक्त आलू, शिमला मिर्च की फसलें भी इसकी लपेट में आ रही हैं।