विपिन नीमा
इंदौर। आवासीय, वाणिज्यिक और सार्वजनिक क्षेत्र के विकास की योजनाओं को बनाना और उसे लागू करनाआईडीए की मुख्य भूमिका है। शहर के बाहर चारों तरफ आईडीए की जमीने फैली हुई है । आज आईडीए शहर का सबसे बड़ा कालोनाईजर है। उसके पास लगभग 6 से 7 हजार करोड़ की सम्पत्ति है। वर्तमान में वह रेजिडेंशियल और कमर्शियल जैसे कई बड़े प्रोजेक्टों पर काम कर रहा है। सबसे ज्यादा संपत्ति सुपर कॉरिडोर की योजनाओं में है। आईडीए नए साल का नया बजट पेश करने कई तैयारी मेँ है। इस बार का बजट लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का रहेगा जो पिछले बजट की तुलना में काफी ज्यादा है। 2022 का बजट 1100 करोड़ रु का था। इस बार बजट में कलेक्टर समेत पांच अफसर पहलीबार बजट बैठक मेँ शामिल होंगे। शहर में कई शासकीय आलीशान बिल्डिंग्स, फ्लेटस् हॉल, आॅफिसेस बनाने वाला आईडीए अब वह अपनी खुद की बिल्डिंग को निखारने में लगा हुआ है। रेसकोर्स रोड स्थित 8 मंजिला बिल्डिंग का रिनोवेशन कार्य चल रहा है। इस पर लगभग दो करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है। विगत 20 साल बाद रिनोवेशन हो रहा है। जबकी बिल्डिंग का कलर तीसरी बार बदला गया है।
कलेक्टर समेत कई नए अफसर पहली बार बजट बैठक मेँ शामिल होंगे
आईडीए ने अपने सालाना बजट 2023 पेश करने की तैयारी पूरी कर ली है । वैसे यह बजट कल रविवार अवकाश वाले दिन पेश होने वाला था । इसकी तिथि आगे बढ़ा दी गई है। नए साल का नया बजट बुधवार या गुरुवार पेश किया जा सकता है । इस बार के बजट मेँ पांच नए अफसर है जो पहली बार बजट बैठक मेँ शामिल होंगे । इनमे कलेक्टर इलैयाराजा टी , निगम आयुक्त हर्षिका सिँह, लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर सीएस खरात, आईडीए सीईओ आर पी अहिरवार , आईडीए बोर्ड के उपाध्यक्ष राकेश गोलू शुक्ला शामिल है । चेयरमेन जयपाल सिंह चावड़ा का यह दूसरा बजट है । वर्तमान सीईओ आर पी अहिरवार के इंदौर आने से कुछ दिन पहले ही आईडीए का बजट 2022 पेश हो चूका था। उस समय वरिष्ठ अधिकारी विवेक श्रोत्रिय आईडीए सीईओ थे। 16 मई 2022 को सीईओ अहिरवार का ट्रांसफर इंदौर हुआ और 20 मई को उन्होंने सीईओ का चार्ज लिया । 14 दिन बाद उनके कार्यकाल का एक साल पूरा हो रहा है । गत वर्ष 2022 मे आईडीए ने 1100 करोड़ का बजट पेश किया था। अब बजट लगभग 6000 करोड़ का होगा । बजट रविवार अवकाश वाले दिन पेश होना था, लेकिन संभवत: अब बजट बुधवार या गुरुवार को पेश होगा।
सबसे ज्यादा संपत्ति सुपर कॉरिडोर की योजनाओं में है
जानकारी के मुताबिक विभिन्न योजनाओं में मौजूद बिक्री योग्य सम्पतियों की जानकारी हासिल करने से पता चला है उसके के पास 6 से 7 हजार करोड़ की ब्रिकी योग्य संपत्तियां है। इनमे भूखंड, भवन, फ्लैट के साथ ही दुकानें भी शामिल है, ऐसी सबसे ज्यादा संपत्ति सुपर कॉरिडोर की योजनाओं में है, इसके अलावा योजना 134, 136, 140, 103, 114, 78 पार्ट 2, न्यू लोहा मंडी आदि में भी बड़ी संख्या में भूखंड, फ्लैट व दुकानें है, वैसे यहा की कई संपत्तियों को बेचने के लिए पूर्व में भी टेंडर निकाले जा चुके है, और कई लोग इन्हें खरीदने के लिए आगे भी आए थे, इसके बाद अभी भी यहा कई संपत्तियां है, जिन्हें बेचकर आय अर्जित की जा सकती है।
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20 साल में तीसरी बार बिल्डिंग का कलर बदला गया
वैसे तो आईडीए ने शहर में एक से एक बढ़कर कई जोरदार फ्लेटस, भवन, मकान और आफिस शोरूम बनाएं है, लेकिन अपनी खुद की बिल्डिंग को संवारने के लिए कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया.। बताया गया है की 20 साल बाद आईडीए ने रिनोवेशन का कार्य शुरू किया है। दो करोड़ रुपए की लागत से 8 मंजिला बिल्डिंग को नीचे से लेकर ऊपर तक रंग रौगन तथा अन्य कार्यों से संवारा जा रहा है। इसमें पुराने गार्डन को तोड़कर नया गार्डन तैयार किया जा रहा है। चारों तरफ कम्पाउंड वॉल , रंगाई पुताई, बारिश के पानी की निकासी के लिए नई लाइन , अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक बोर्ड, 40 कारों की पार्किग, लाइटिंग आदि कार्य किए जा रहे है। यह तीसरा अवसर है जब बिल्डिंग का कलर बदला गया है। सबसे पहले येलो और लाल कलर हुआ। इसके बाद पूरी बिल्डिंग को गुलाबी रंग से रौगन किया गया। अब तीसरी बार ड्रॉक येलो कलर से चमकाया गया है। लम्बे समय से बिल्डिंग पर रंगाई पुताई नहीं होने के कारण बिल्डिंग से पुराना कलर उतर चुका था।
सालों तक रहा पीएम हाउस और आईडीए का एक समान एड्रेस
एक समय दिल्ली में प्रधानमंत्री हाउस और इंदौर में आईडीए का एक जैसा एड्रेस 7 रेसकोर्स रोड था । कई सालो तक ऐसा ही रहा , लेकिन 7 साल पहले यानी गत 21 सितंबर 2016 को दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री आवास का एड्रेस बदलकर 7, लोक कल्याण मार्ग कर दिया। जबकि आईडीए का एड्रेस आज भी वही है – 7, रेसकोर्स रोड न्यू पलासिया इंदौर।
रिनोवेशन के साथ – साथ लंबित प्रकरणों का निराकरण भी
आईडीए मेँ रिनोवेशन के साथ-साथ लंबित प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण भी किया जा रहा है ? शासन के निर्देश पर आईडीए द्वारा संपत्तियों को फ्री होल्ड करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। किसानो की जमीनों के मामलो की लगातार सुनवाई कर उनका भी निराकरण किया जा रहा है । इस बार का बजट आगामी वर्षों में विकसित की जाने वाली प्रमुख सड़कें, भवन व परियोजनाएं पर्यावरण और हरियाली हितैषी पर आधारित होगा।