हिजाब (Hijab) पर प्रतिबंध को लेकर हाल ही में मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) के गृहमंत्री (Narottam mishra) ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। उन्होंने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा मध्य प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में हिज़ाब पर प्रतिबंध करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। उन्होंने कहा है कि हिज़ाब को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है ये सब फेक है। सच्चाई बताते हुए गृहमंत्री ने कहा है कि हिज़ाब पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव ही सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
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जब सरकार के पास प्रस्ताव ही नहीं है तो हिज़ाब पर प्रतिबंध की बात गलत ही है। गृहमंत्री ने बताया है कि हिज़ाब का मामला कर्नाटक का है वहां भी यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है। दरअसल, कोर्ट के फैसले से पहले ही कांग्रेस इस मामले को तूल देकर फिर एक बार साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि एमपी में कानून का राज है और यहां की शांति भंग करने की किसी को इजाजत नहीं है जो भी यह प्रयास करेगा उसे उसकी सजा भुगतनी होगी।
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जानकारी के मताबिक, कर्नाटक में स्कूलों में हिजाब को लेकर विवाद चल रहा है। ऐसे में मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा था कि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगना चाहिए। आगे उन्होंने बताया था कि मध्य प्रदेश के स्कूलों में ‘ड्रेस कोड’ लागू किया जाएगा। ये इसलिए क्योंकि सभी स्कूली विद्यार्थियों में समानता की भावना सुनिश्चित की जा सके। उनके इस बयान के बाद प्रदेश में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था।