Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के शिमला में संजौली मस्जिद के निर्माण को लेकर चल रहे विवाद पर अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीसरी, चौथी और पांचवीं मंजिल को गिराने का निर्देश दिया है। यह निर्णय मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद का समाधान करने के लिए लिया गया है। कोर्ट ने यह आदेश मस्जिद कमेटी की ओर से दाखिल की गई अर्जी के बाद दिया।
गिराने का कार्य
कोर्ट ने कहा है कि अगले दो महीने के भीतर मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को ध्वस्त किया जाना चाहिए। इसके लिए होने वाले सभी खर्चों का वहन मस्जिद कमेटी करेगी। यह कार्य मस्जिद के मुखिया की निगरानी में किया जाएगा। संजौली मस्जिद का निर्माण 2009 में शुरू हुआ था, लेकिन 2010 से ही इसके निर्माण को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया था।
विवाद का इतिहास
विवाद के चलते, 2012 में वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण की अनुमति दी थी। इसके बाद, 2013 में एक प्रस्तावित नक्शा निगम को दिया गया, लेकिन 2018 में मस्जिद कमेटी ने बिना वैध अनुमति के पांच मंजिला इमारत का निर्माण कर लिया। इस कदम के बाद विवाद और बढ़ गया, और कई लोगों का कहना था कि मस्जिद अवैध तरीके से बनाई गई है।
हिंदू संगठनों का विरोध
हाल ही में, हिंदू संगठनों के नेताओं ने भी इस मस्जिद के निर्माण का विरोध किया है। उन्होंने राज्य भर में बनी सभी मस्जिदों के निरीक्षण की मांग की है। मस्जिद कमेटी द्वारा दाखिल अर्जी के बाद कोर्ट ने अवैध फर्श को गिराने का आदेश दिया। शिमला वक्फ बोर्ड ने भी स्वीकार किया है कि संजौली मस्जिद की दो मंजिलें अवैध हैं।