ऑक्टूबर महीने में भी मानसून थमने का नाम नहीं ले रहा है, मौसम विभाग ने अभी भी देख के अधिकांश हिस्सों में बारिश की चेतवानी जारी की है, बुधवार को देश के एक हिस्से में बारिश से बाढ़ जैसे हालत पैदा हो गए बेंगलुरु में बुधवार शाम को भारी बारिश हुई, जिससे बेलंदूर के आईटी क्षेत्र सहित शहर के पूर्व, दक्षिण और मध्य भाग में कई मुख्य सड़कों पर पानी भर गया. मौसम विभाग के अनुसार, शहर के उत्तरी हिस्से में राजामहल गुट्टाहल्ली में 59 मिमी बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग ने भारी बारिश का संकेत देते हुए अगले तीन दिनों के लिए शहर में येलो अलर्ट जारी किया है.
सड़को पर भरा पानी, बेसमेंट भी जलमग्न
निचले इलाकों से जलभराव के दृश्य सामने आए. खुले मैनहोल से पानी बहता दिखाई दिया, बेसमेंट पार्किंग में भी पानी भर गया है और सड़कों पर पार्क कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं. ऑफिस से आने जाने वाले अधिकतर लोग मेट्रो के नीचे खड़े हुए दिखाई दिए, क्योंकि बारिश के कारण हर तरफ पानी ही पानी नजर आया.
भारी बारिश से गिरी दीवार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारी बारिश के कारण मैजेस्टिक के पास एक दीवार भी गिर गई, जिससे सड़क पर खड़े कई चार पहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. बता दें कि पिछले महीने, शहर में करीब 3 दिन लगातार बारिश हुई थी जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. शहर के कुछ हिस्से जहां वैश्विक आईटी कंपनियां और घरेलू स्टार्ट-अप स्थित हैं, वहां से पानी निकलने में काफी समय भी लगा.
पिछले महीने भी बने थे बाढ़ से हालात
पिछले महीने हुई बारिश से आस-पास के रिहायशी इलाकों में सड़कें जाम हो गईं और पानी और बिजली की लाइनें टूट गईं. कुछ पॉश हाउसिंग कॉलोनियों में निवासियों को बचाने के लिए ट्रैक्टरों को सेवा में लगाना पड़ा था. बेंगलुरु में ऐसी बारिश लोगों ने कई दशकों में देखी और यही कारण रहा है कि स्कूलों को बंद करना पड़ा और ऑफिस जाने वालों को घर से काम करने के लिए कहा गया. इसी के साथ बारिश ने फ्लाइट्स संचालन को भी प्रभावित किया.
टूटे बारिश के सारे रिकॉर्ड
गौरतलब है कि आईटी राजधानी ने इस साल भारी बारिश के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. 2017 में शहर में 1,696 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. वहीं इ बार मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 1,706 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है. बारिश के कारण बेंगलुरु में पब्लिक प्रोपर्टी का भी खासा नुकसान हुआ है. हालांकि, सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच बाढ़ की स्थिति पर रानजीतिक खींचतान अभी भी जारी है.