इंडियन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी, वेस्ट ज़ोन चैप्टर (आईएसएन डब्ल्यूज़ेड) एनुअल कॉन्फ्रेंस का तीसरा और अंतिम दिन भी ज्ञान और अनुभव से भरपूर रहा। मैरियट होटल इंदौर में 12 से 14 सितंबर 2025 तक आयोजित इस कॉन्फ्रेंस के तीसरे दिन की शुरुआत क्विज़ से हुई, जिसमें युवा डॉक्टर्स ने अपनी समझ और प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद विशेषज्ञों ने अपने शोध और अनुभव साझा किए। खास तौर पर छोटे शहरों में किडनी रोगियों के सामने आने वाली चुनौतियों और वहां इलाज को बेहतर बनाने की जरूरत पर विस्तार से बात हुई।
हाइपरटेंशन और डायबिटीज़ कंट्रोल पर हुए सेशन्स में डॉक्टरों ने बताया कि समय पर जांच और सही इलाज से मरीजों को बड़ी परेशानी से बचाया जा सकता है। ब्लड प्रेशर की नियमित जांच और संतुलित जीवनशैली को किडनी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी बताया गया।
दोपहर बाद हुए डायलिसिस सत्र में मरीजों की देखभाल और कैथेटर से जुड़ी जटिलताओं पर चर्चा हुई। नए समाधानों और बेहतर तकनीकों की जानकारी भी साझा की गई।
नासिक से आए किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. देओदत्त चाफेकर ने कहा, “इस बार कॉन्फ्रेंस में हाई बीपी, डायलिसिस मैनेजमेंट और छोटे शहरों तक इलाज पहुँचाने पर विशेष ध्यान दिया गया। मरीजों को बेहतर देखभाल और नई तकनीक का लाभ कैसे मिले, इस पर विस्तार से चर्चा हुई। यहाँ मिली स्टडी और अनुभव का फायदा न सिर्फ डॉक्टरों को बल्कि मरीजों को भी होगा। इससे उनकी लाइफ क्वालिटी बढ़ेगी और जागरूकता भी फैलेगी। किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर फैले भ्रम दूर करने का रास्ता भी सिर्फ जागरूकता है। अब तकनीक और दवाओं के साथ मेडिकल साइंस के पास मरीजों की मदद करने के बड़े अवसर हैं।”
ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डॉ. प्रदीप सालगिया ने कहा, “यह कॉन्फ्रेंस बेहद सफल रही जिसमें ज्ञान और अनुभव का शानदार आदान-प्रदान हुआ। इंडोर में यह ज़ोन की तीसरी कॉन्फ्रेंस थी और इतनी बड़ी संख्या में आयोजित होना अपने आप में ऐतिहासिक है। हमें खुशी है कि आप सबके सहयोग से इसे सफल रूप दे पाए।”
ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ. राजेश भराणी ने कहा, “इस कॉन्फ्रेंस में 300 से ज्यादा डॉक्टर शामिल हुए और इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स भी ऑनलाइन मार्गदर्शन के लिए जुड़े। यह एक बेहद इंटरैक्टिव कॉन्फ्रेंस रही। हम सभी विशेषज्ञों के आभारी हैं जिन्होंने यह साझा किया कि कौन-से उपचार कितने प्रभावी हो सकते हैं। हम मरीजों से भी यही आग्रह करते हैं कि वे अपनी सेहत का ख्याल रखें, नियमित रूप से बीपी और शुगर की जांच कराएँ, पर्याप्त पानी पिएँ और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ। इस कॉन्फ्रेंस की सफलता के लिए सभी का आभार।”
तीन दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस का समापन वैलेडिक्टरी फंक्शन और वोट ऑफ थैंक्स के साथ हुआ। डॉक्टरों ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे आयोजन न सिर्फ विशेषज्ञों को अपडेट रखते हैं, बल्कि मरीजों को भी बेहतर इलाज और जीवनशैली अपनाने की दिशा दिखाते हैं।