इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र स्थित भागीरथपुरा से एक चिंताजनक और भयावह घटना सामने आई है। यहां अचानक बड़ी संख्या में लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि क्षेत्र में आपूर्ति किए जा रहे दूषित पानी के कारण फूड पॉयजनिंग और डायरिया जैसी बीमारियां फैल रही हैं।
बीते दो–तीन दिनों से भागीरथपुरा इलाके में लोगों की तबीयत अचानक खराब होने लगी है। शुरुआत में कुछ लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई, लेकिन धीरे-धीरे बुखार और अत्यधिक कमजोरी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ती गई। स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि अब तक 50 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। स्थानीय निवासियों का दावा है कि बीमारों की संख्या 100 से भी ज्यादा हो सकती है, हालांकि प्रशासन की ओर से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने के बीच अब मौत की खबरों ने भी चिंता बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक चार लोगों की मौत हुई है।
मरीज़ों से मिलने पहुंचे मंत्री विजयवर्गीय
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव स्वयं मौके पर पहुंचे। दोनों ने परदेशीपुरा चौराहा स्थित वर्मा नर्सिंग होम में भर्ती मरीजों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अस्पताल प्रबंधन को तत्काल अतिरिक्त स्टाफ तैनात करने के निर्देश दिए और स्पष्ट किया कि इलाज के दौरान किसी भी मरीज से कोई शुल्क न लिया जाए। उन्होंने कहा कि फिलहाल सर्वोच्च प्राथमिकता सभी मरीजों का समुचित इलाज कर उन्हें सुरक्षित घर भेजना है। साथ ही पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और पानी के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं। लोगों से अपील की गई है कि एहतियात के तौर पर पानी उबालकर ही उपयोग करें।
दूषित पानी से तीन परिवार में हुई मौत
तीन परिवारों ने आरोप लगाया है कि दूषित पानी के सेवन से उनके परिजनों की जान गई है। मृतकों में सीमा प्रजापत, उर्मिला यादव, गोमती रावत और नंदलाल पाल के नाम सामने आए हैं। सीमा प्रजापत, उर्मिला यादव और गोमती रावत के परिजनों ने मौत की पुष्टि की है। वहीं नंदलाल पाल का अस्पताल से जुड़ा एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें डॉक्टर उन्हें सीपीआर देते हुए दिखाई दे रहे हैं और कुछ देर बाद उनकी मृत्यु हो जाती है। हालांकि प्रशासन की ओर से अब तक इन मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी।
नगर निगम कमिश्नर के साथ भागीरथपुरा पहुंचे मेयर
महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी नगर निगम कमिश्नर दिलीप कुमार यादव के साथ भागीरथपुरा पहुंचे। महापौर भार्गव ने कहा कि जिस जल टंकी से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की जा रही है, वहां से भी नमूने एकत्र किए गए हैं। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमें घर-घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच कर रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि मामले में जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मरीजों ने कही ये बात
अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना है कि नल का पानी पीने के बाद ही उनकी तबीयत बिगड़नी शुरू हुई। कई लोगों के मुताबिक पानी से पहले ही दुर्गंध आ रही थी और उसमें गंदगी भी नजर आ रही थी, लेकिन मजबूरी में उसी पानी का उपयोग करना पड़ा। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में लोग बीमार पड़ने लगे और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ती चली गई।









