हरियाणा में इस बार चुनावी मुकाबला रोमांचक नजर आ रहा है क्योंकि यहां पर 2 सीटों पर तीन उम्मीदवार अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं जिसके बाद अब यहां चुनाव और दिलचस्प हो गया है। कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बीच में उतरे हैं और इस चुनाव को रोमांचक बनाया है। बीजेपी और कांग्रेस के दोनों ही उम्मीदवारों की जीत पक्की थी, लेकिन बीजेपी और जेजेपी ने भी कार्तिकेय शर्मा का साथ दिया। जिसके बाद कांग्रेस के प्रत्याशी के लिए चिंता बढ़ गई है। अगर देखा जाए तो कांग्रेस के प्रत्याशी अजय माकन और कार्तिकेय शर्मा के बीच मुकाबला अब रोमांचक नजर आ रहा है।
कार्तिकेय शर्मा पूर्व कांग्रेस नेता विनोद शर्मा के बेटे हैं और विनोद शर्मा को 2014 में कांग्रेस
पार्टी ने निकाल दिया था। बताया जा रहा है कि विनोद शर्मा के अन्य पार्टियों के साथ अच्छे संबंध है और कार्तिकेय हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के दामाद भी है। हालाकि के चुनाव से पहले कांग्रेस को हॉर्स ट्रेडिंग का डर सता रहा है, इसीलिए कांग्रेस ने विधायकों को छत्तीसगढ़ के रिसोर्ट में रखा।
हरियाणा का चुनाव रोमांचक इसलिए भी है क्योंकि बीजेपी और जेजेपी के साथ सरकार को समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों को एक किया जाए तो कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में करीब 27 वोट आते हैं, लेकिन जीतने के लिए तीन वोट की ओर जरूरत होगी। हरियाणा के राज्यसभा चुनाव में 1 सीट जीतने के लिए 31 वोट की जरूरत है और बीजेपी के पास 40 विधायक हैं वहीं कांग्रेस के 31 विधायक हैं। बीजेपी की सहयोगी पार्टी जननायक जनता पार्टी के पास 10 विधायक हैं, लेकिन कांग्रेस के 31 विधायक के अलावा 7 निर्दलीय, हरियाणा लोकहित पार्टी का एक और इनेलो का एक विधायक है। कांग्रेस पार्टी के पास जीतने के लिए वोट तो पूरे हैं, लेकिन कुलदीप बिश्नोई के नाराज हो जाने की वजह से और कांग्रेस विधायक कुलदीप शर्मा के कार्तिकेय शर्मा दामाद है जिसकी वजह से भी कांग्रेस की चुनावी गाड़ी डग-मगा रही हैं। वही कांग्रेस नेता किरण चौधरी भी नाराज है। जिसके चलते यह चुनावी मुकाबला रोमांचक नजर आ रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि हरियाणा में कौन तेज रफ्तार से आगे निकल पाता है और कौन पीछे रह जाता है।