अगले 24 घंटों में इन 14 जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

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By Pinal PatidarPublished On: October 9, 2025

मध्यप्रदेश में मौसम ने धीरे-धीरे अपना रुख बदलना शुरू कर दिया है। अब तेज बारिश की जगह सुहाना और साफ आसमान देखने को मिल रहा है। दिन में धूप निकलने लगी है, जबकि रात के समय हल्की ठंडक का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि अगले दो से तीन दिनों के भीतर मानसून की औपचारिक विदाई पूरे प्रदेश से हो सकती है। हालांकि, पूर्वी मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों जैसे कि जबलपुर, मंडला, बालाघाट और सिवनी में अगले तीन दिनों तक हल्की बूंदाबांदी या छिटपुट बारिश की संभावना बनी रहेगी।

अब प्रदेश में नहीं है कोई सक्रिय वर्षा प्रणाली


मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में कोई सक्रिय वर्षा प्रणाली मौजूद नहीं है, जिससे अब जोरदार बारिश के आसार लगभग खत्म हो गए हैं। बुधवार को पूरे प्रदेश में कहीं भी बारिश दर्ज नहीं की गई। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम, राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी हो चुकी है। यानी, अब धीरे-धीरे बाकी इलाकों से भी मानसून के बादल विदा लेने की तैयारी में हैं।

अगले तीन दिन: धूप-छांव और बूंदाबांदी का मिश्रित मौसम

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले तीन दिनों तक पूर्वी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है, लेकिन पश्चिमी और मध्य इलाकों में मौसम साफ रहेगा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर जैसे शहरों में दिन में तेज धूप और रात में ठंडी हवाओं का अहसास रहेगा। तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। धार, इंदौर और राजगढ़ में न्यूनतम तापमान 17.6 से 17.7 डिग्री सेल्सियस, जबकि भोपाल में 19.6, उज्जैन में 19, ग्वालियर में 22.1 और जबलपुर में 21 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। यानी, अब सुबह-शाम हल्की ठंड महसूस होने लगी है, जो अक्टूबर की शुरुआत में मौसम के बदलते स्वरूप का साफ संकेत है।

मानसून सीजन का रिपोर्ट कार्ड: किस जिले में कितनी बारिश हुई

अगर पूरे मानसून सीजन की बात करें, तो गुना जिला इस बार सबसे ज्यादा बारिश वाला इलाका रहा, जहां करीब 65.6 इंच वर्षा दर्ज की गई। वहीं, मंडला और रायसेन में भी बारिश का आंकड़ा 62 इंच से अधिक रहा। इसके अलावा श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई। दूसरी ओर, कुछ जिले इस बार सूखे जैसे हालात झेलते नजर आए। शाजापुर (28.9 इंच), खरगोन (29.6 इंच), खंडवा (32 इंच), बड़वानी (33.5 इंच) और धार (33.6 इंच) में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई। कुछ जगह बाढ़ जैसी स्थिति बनी, तो कुछ जिलों को पर्याप्त पानी नहीं मिल सका।

इंदौर संभाग ने सितंबर में बनाई स्थिति संतुलित

मानसून की शुरुआत में इंदौर और उज्जैन संभाग में बारिश बेहद कम हुई थी, जिससे खेती और जलस्तर दोनों को लेकर चिंता बनी हुई थी। लेकिन सितंबर महीने में हुई लगातार बारिश ने इंदौर की स्थिति में सुधार ला दिया। शहर ने अब सामान्य बारिश का आंकड़ा पार कर लिया है। हालांकि, उज्जैन जिले में अभी भी कमी बनी हुई है, और शाजापुर इस सीजन का सबसे कम बारिश वाला जिला बन गया है। मौसम विभाग का कहना है कि अब आगे अक्टूबर के मध्य तक दिन गर्म और रातें ठंडी बनी रहेंगी। इस तरह, धीरे-धीरे प्रदेश शरद ऋतु (post-monsoon season) में प्रवेश कर चुका है।