Haryana Election Result 2024 Live: इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौटाला परिवार की राजनीतिक विरासत को गंभीर झटका लग रहा है। इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और जननायक जनता पार्टी (JJP) दोनों ही सीटें जीतने के लिए संघर्षरत हैं। दुष्यंत चौटाला और अभय चौटाला, परिवार के प्रमुख नेता, अपनी-अपनी सीटों पर बुरी तरह हार रहे हैं।
चौटाला परिवार के प्रमुख उम्मीदवार
दुष्यंत चौटाला
हिसार के उचाना कलां से चुनाव लड़ रहे दुष्यंत चौटाला का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। वे इस क्षेत्र में छठे स्थान पर चल रहे हैं, और उनके लिए अपनी जमानत बचाना भी मुश्किल होता दिख रहा है।
अभय चौटाला
सिरसा के ऐलनाबाद से चुनाव लड़ रहे अभय चौटाला भी पिछड़ रहे हैं। उन्हें आईएनएलडी से मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उनकी सीट पर कांग्रेस आगे चल रही है।
आदित्य चौटाला
अभय चौटाला के बेटे आदित्य चौटाला डबवाली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और वर्तमान में दूसरे स्थान पर हैं। यह सीट पहले चौटाला परिवार का गढ़ मानी जाती थी, लेकिन यहां भी कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है।
दिग्विजय चौटाला
दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय डबवाली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां वे तीसरे स्थान पर हैं। दिग्विजय को जेजेपी के वरिष्ठ नेता माना जाता है।
अर्जुन चौटाला
अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला क्वींस सीट से आगे चल रहे हैं। उनके दादा रणजीत चौटाला यहां निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं और दूसरे स्थान पर हैं।
चौटाला परिवार का राजनीतिक इतिहास
हरियाणा के गठन के बाद 1967 में जब पहली बार विधानसभा चुनाव हुए थे, तब से चौटाला परिवार का राजनीतिक दबदबा कायम रहा है। चौधरी देवीलाल ने 1967 से 1989 तक राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और दो बार मुख्यमंत्री रहे।
1989 में उपप्रधानमंत्री बनने के बाद, देवीलाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने बेटे ओम प्रकाश चौटाला को सौंपी। ओम प्रकाश चौटाला चार बार मुख्यमंत्री रहे, लेकिन 2005 में हारने के बाद से परिवार सत्ता में नहीं आ पाया।
टूटती साझेदारी और मौजूदा स्थिति
2018 में चौटाला परिवार में विभाजन हुआ, जब दुष्यंत ने अपने दादा ओम प्रकाश और चाचा अभय के खिलाफ बगावत की। उन्होंने अपने पिता अजय सिंह चौटाला के साथ मिलकर अपनी पार्टी बनाई। 2019 के चुनाव में जेजेपी ने 10 सीटें जीतीं और किंगमेकर की भूमिका निभाई।
इस बार, INLD और JJP दोनों ही अलग-अलग गठबंधनों के साथ चुनावी मैदान में हैं। जबकि INLD कुछ सीटों पर आगे चल रही है, JJP शून्य की ओर बढ़ती दिख रही है।