आज फिर बना Green Corridor, सेना के जवान के शरीर में धड़केगा इंदौर से भेजा दिल

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Indore News : अंगदान करने को लेकर लोगों के बीच में काफी ज्यादा जागरूकता देखने को मिल रही है। अब तक कई लोग अपने परिवार के सदस्य की मृत्यु होने के बाद उनके अंगों को दान कर चुके हैं और कई लोगों की जिंदगी को बचा चुके हैं। हाल ही में हार्ट अटैक से 16 वर्षीय बेटी की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद परिवार वालों ने बेटी की आंखों को दान करने का फैसला किया था।

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कई बार ग्रीन कॉरिडोर को लेकर चर्चाओं में रहा है। अब तक कई बार अंक यहां से बाहर दान किए जा चुके हैं जो लोगों को नई जिंदगी दे रहे हैं। हाल ही में सोमवार सुबह 8:50 पर इंदौर के जुपिटर विशेष हॉस्पिटल से ग्रीन कारिडोर बनाकर एयरपोर्ट दिल को भेजा गया। बता दें कि इंदौर से भेजे गया दिल जवान के सीने में धड़कने वाला है।

हॉस्पिटल से ग्रीन कारिडोर बना कर दिल को एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया जहां पर पहले से ही सेना का विमान मौजूद था इसमें दिल को तूने ले जाया गया दिल लेने के लिए ऑडियंस रिसर्च कर्नल डॉक्टर सौरभ सिंह के नेतृत्व में 8 सदस्य टीम इंदौर रविवार को ही पहुंच गई थी। सोमवार सुबह 9:50 जुपिटर हॉस्पिटल से दूसरा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर चोइथराम अस्पताल के लिए फिर वहां से तीसरा ग्रीन कॉरिडोर बॉम्बे हॉस्पिटल के लिए बनाया गया।

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जानकारी के लिए बता दें कि नए वर्षो में यह तीसरा मौका है जब ग्रीन कारिडोर बनाकर ब्रेन डेड व्यक्ति के अंग को बाहर भेजा गया हो। बता दें कि उज्जैन के रहने वाले शुभम पैलेस झांसी आलू प्याज व्यापारी का 20 जनवरी को एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद में गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जिनका नाम प्रदीप आसवानी था। स्थिति को गंभीर देखते हुए इंदौर के विशेष जुपिटर हॉस्पिटल में उन्हें भर्ती करवाया गया था।

उनकी स्थिति को देखते हुए परिवार वालों से सेवादार जीतू बागानी और संदीपन आर्य ने उनके परिवार वालों से अंगदान को लेकर बातें की इसके बाद उन्हें सब कुछ समझाया वहीं सभी की स्वीकृति के बाद 4 डॉक्टर की पैनल ने पहली बार मरीज की स्थिति को समझा और ब्रेन स्टैंडर्ड परीक्षण के बाद उनके ऑर्गन को अलग-अलग हॉस्पिटल में अलग-अलग लोगों के लिए दान किए गए।