नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर पिछले सप्ताह घटकर 1.68 पर आ गई है। बता दें कि, इससे पहले यह 5.86 फीसदी थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है महामारी की चुनौती अब भी कायम है। हमें अक्तूबर से दिसंबर तक तीन माह सतर्क रहना है। दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आज यानी गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोविड की चुनौती अब भी खत्म नहीं हुई है। कुछ हद तक हम कह सकते हैं कि हम दूसरी लहर को काबू में नहीं कर सके हैं। हमें लगातार प्रयास करना होंगे। हम अभी यह ना समझें की कोविड खत्म हो चुका है।
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उन्होंने कहा कि, हमारे सामने कोविड की कई सारी चुनौतियां हैं और हमें उस पर काम करने की जरूरत है। हमें अभी भी कोविड व्यवहार को बनाए रखना है। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 22 हजार के करीब मामले दर्ज किए गए। आज भी देश में औसतन 20,000 मामले सामने आ रहे हैं। साथ ही संयुक्त सचिव अग्रवाल ने बताया कि पिछले सप्ताह कोरोना के 56 फीसदी नए मामले केरल से दर्ज़ किए गए हैं। देश के पांच राज्यों- केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मिजोरम व कर्नाटक में 10 हजार से ज्यादा सक्रिय केस हैं। पांच राज्य ऐसे हैं जहां अभी भी 10,000 से ज़्यादा सक्रिय मामले बने हुए हैं। केरल में 1,22,000 के करीब सक्रिय मामले हैं। महाराष्ट्र में 36,000 के करीब सक्रिय मामले हैं। तमिलनाडु, मिजोरम और कर्नाटक में भी सक्रिय मामले अधिक संख्या में हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अरूणाचल प्रदेश व असम के कुछ जिलों समेत देश के 28 जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी दर पांच से दस फीसदी है। यह उच्च संक्रमण दर है। 34 जिलों में तो साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी से भी ज्यादा है। लक्षद्वीप, चंडीगढ़, गोवा, हिमाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार व सिक्किम में 100 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला डोल लग गया है। वही नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि बताया कि देश में फिलहाल कोरोना का कोई नया चिंताजनक नया वैरिएंट नहीं मिला है। इस बारे में रोज डाटा अपडेट किए जा रहे हैं। अब तक की नया ऐसा वैरिएंट नहीं मिला है, जिससे चिंता हो। उन्होंने बताया कि मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए देशभर में 1200 पीएसए प्लांट्स चालू हो गए हैं। कुछ 4000 ऐसे प्लांट्स लगाने का काम जारी है।
साथ ही डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि जायडस कैडिला की वैक्सीन को परंपरागत सीरिंज या सुई से नहीं लगाया जाएगा। इसे एक एप्लीकेटर के जरिए लगाया जाएगा। देश में इस तरह से वैक्सीन पहली बार लगाई जाएगी। हम इससे टीके लगाने की ट्रेनिंग व इससे जुड़े लॉजिस्टिक के मसले पर काम कर रहे हैं।