भारत में आटा और दालों के मूल्य में वृद्धि की आशंका हो रही है। व्यापारिक उपाज की कमी के कारण, आगामी वर्ष में आटा महंगा हो सकता है। देश में गेहूं के क्षेत्राबंदी का अनुमानित क्षेत्र 3% तक कम होने के आसार हैं। इसके बावजूद, चने की बुवाई में वृद्धि होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे अल नीनो का असर भी हो सकता है। इसका असर वर्षा और उपाज पर पड़ सकता है, जिससे फसलों की कटाई में असुरक्षा आ सकती है।
इससे व्यापारिक उपाज में कमी हो सकती है, जिससे आटा और दालों के मूल्य में वृद्धि होने की संभावना है। इस अधिकतर उपाज को लेकर आने वाले दिनों में सरकार को नजर रखनी होगी, ताकि इससे होने वाले प्रभावों को कम किया जा सके।
गेहूं और दालों के मूल्य में वृद्धि के असर से खाद्य मानविकी को भी प्रभावित हो सकता है। जनता की बजट में बढ़ोतरी आ सकती है, जिससे सामान्य जनता को प्रभावित होना पड़ सकता है। इसलिए सम्माननीय अनुसंधान और संवेदनशीलता से इस मुद्दे पर काम किया जाना चाहिए।