इंदौर। मार्च का पूरा महिना धार्मिक आयोजनों से परिपूर्ण रहा। धार्मिक आयोजनों और त्योहारों से जुड़ी व्यवसाय की दुकानों पर लोगों की भीड़ बनी रही। लेकिन इस साल रामनवमी पर पटाखों का कारोबार सुस्त नजर आ रहा है। शहर के पटाखा व्यसायी के अनुसार इस बार लोगों ने पटाखों की खरीदारी में 40 प्रतिशत की कमी देखने को मिल रही है। यह सिलसिला लगातार कॉविड के समय से जारी है।
पहले के मुकाबले पटाखों की डिमांड में कमी
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शहर में लगभग 300 से ज्यादा पटाखों की दुकान है। जिसमें राऊ, रानीपुरा और अन्य जगह पर पटाखों की बड़ी और होलसेल दुकानें मौजूद है। इन दुकानदारों के अनुसार पहले रामनवमी पर हर दुकानदार 10 हजार से ज्यादा पटाखे बेच देता था। वहीं अब इस व्यवसाय में लगातार गिरावट आ रही है। पहले रामनवमी पर लोगों की जुबान पर महावीर पटाखा सबसे ज्यादा होता था, सब जगह इसकी डिमांड होती थी। लेकिन अब इसमें कमी देखने को मिल रही है।
महावीर पटाखे की डिमांड हुई कम, खरीदारी में 40 प्रतिशत की गिरावट
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दुकानदार बताते हैं कि शहर में शादियों, पार्टी, दीपावली और अन्य फेस्टिवल पर पटाखों की बंपर बिक्री होती है। कॉविड से पहले रामनवमी पर भी पटाखों की अच्छी बिक्री होती थी। लेकिन अब इसमें मंदी देखने को मिल रही है। अगर बात पटाखों की करी जाए तो दुकानों पर रॉकेट, सुतली बम, हंटर, चकरी जैसे पटाखे डिमांड में रहते हैं। वहीं रामनवमी पर पहले महावीर पटाखा सबसे ज्यादा बिकता था, जिसमें अब खरीदारी कम हुई है।