पश्चिम बंगाल सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। वित्त विभाग के अधिकारी फिलहाल यह तय करने में जुटे हैं कि राज्य के खजाने पर अधिक दबाव डाले बिना महंगाई भत्ते में अधिकतम कितनी वृद्धि की जा सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस बढ़ोतरी की अधिकतम सीमा 6% तय की गई है। हालांकि, यह वृद्धि लागू होने के बाद भी राज्य सरकार के कर्मचारियों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भारी अंतर बना रहेगा।
केंद्र और राज्य के महंगाई भत्ते में बड़ा अंतर
वर्तमान में, पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों को केवल 14% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारी 53% की दर से महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। यह अंतर लंबे समय से राज्य कर्मचारियों के असंतोष का कारण बना हुआ है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक अम्ब्रेला एसोसिएशन ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा दिया है, जहां पहले से ही इस पर सुनवाई लंबित है।
बजट सत्र में हो सकती है बड़ी घोषणाएं
पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र 9 फरवरी से शुरू होने जा रहा है और 12 फरवरी को वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य 2025-26 का बजट पेश करेंगी। सूत्रों के अनुसार, चूंकि 2026 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए यह बजट सत्तारूढ़ सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा। ऐसे में राज्य सरकार विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवंटन बढ़ाने की योजना बना रही है। खासकर महिलाओं और युवाओं से जुड़ी योजनाओं को बजट में प्राथमिकता दी जा सकती है। इसके अलावा, राज्य सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में भी बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है।
नीति आयोग की रिपोर्ट बनी चिंता का कारण
दिलचस्प बात यह है कि यह बजट ऐसे समय में पेश किया जा रहा है, जब नीति आयोग की हाल ही में जारी ‘राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक: 2025’ रिपोर्ट में पश्चिम बंगाल का खराब प्रदर्शन सामने आया है। इस रिपोर्ट में राजस्व जुटाने, व्यय गुणवत्ता और ऋण सूचकांक के आधार पर राज्यों की रैंकिंग की गई है, जिसमें पश्चिम बंगाल 18 राज्यों में से 16वें स्थान पर है।
राज्य सरकार के लिए यह बजट न केवल वित्तीय संतुलन बनाए रखने की चुनौती होगा, बल्कि कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने और जनता को खुश करने का भी बड़ा मौका होगा। अब देखना होगा कि वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य अपने बजट में किस तरह से वित्तीय प्रबंधन करती हैं और राज्य के कर्मचारियों के लिए कितनी राहत लेकर आती हैं।