नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडानी समूह के 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ (FPO) वापस लेने से देश की वृहत आर्थिक बुनियाद और अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है। वित्त मंत्री ने बजट के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है।
सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, ”…हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि, इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है। हां, एफपीओ (अनुवर्ती-सार्वजनिक पेशकश) आते रहे हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं।” उन्होंने कहा कि अडानी मामले में नियामक अपना काम करेंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं।
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अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जारी होने के बाद अदानी समूह चर्चा में है. इस मामले पर लगातार कई तरह की बातें कही सुनी जा रही है। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साप्ताहिक पत्रिका ‘ऑर्गनाइज़र’ ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को ‘सुनियोजित और समन्वित हमला’ बताया है।
पत्रिका ने अदानी पर हो रहे हमलों के पीछे ऑस्ट्रेलिया और भारत की कुछ एनजीओ के साथ भारत के वामपंथी विचारधारा से प्रभावित पत्रकारों को ज़िम्मेदार ठहराया है।