जानकारी के अनुसार किसानों की प्रमुख मांगों में 50 हजार करोड़ का विशेष पैकेज, घग्गर योजना के तहत सभी नदियों का स्थायी समाधान, 50 हजार प्रति एकड़ मुआवजा, खेतों में उत्थित रेत की खनन की अनुमति, पशुओं की मृत्यु और बोरवेल खराब होने पर मुआवजा, और मनरेगा योजना के अंतर्गत 200 दिनों तक काम करने की शामिलता, बाढ़ में जीवन गंवाने वालों को 10 लाख रुपये का मुआवजा शामिल है।
खराब होने वाली फसल के मुआवजे और अन्य मांगों के साथ, पंजाब-हरियाणा के किसान संघर्षशील होकर आज चंडीगढ़ में धरने की घोषणा की है। वहीं, किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने पंचकूला और मोहाली के द्वार बंद कर दिए हैं, जिनके द्वारों में 27 प्रवेशद्वार शामिल हैं। पंजाब में कई किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है। वहीं, अंबाला में पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई है।
चंडीगढ़-जीरकपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात हैं, जहाँ आईटीबीपी और सीआरपीएफ के टुकड़े भी हथियारों के साथ मौजूद हैं। सीटीयू की बसें भी वहां पर हैं, ताकि किसी किसान नेता या दुर्व्यवस्थापन करने वाले को यहां से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सके।
चंडीगढ़ पुलिस के सेक्टर 31 पुलिस स्टेशन में एसएचओ राम रतन समेत कई पुलिसकर्मी मौजूद हैं, जिनमें से कुछ डीएसपी क्राइम ब्रांच के उदयपाल और इंडस्ट्रियल एरिया के थानाधिकारी जसपाल सिंह भुल्लर भी शामिल हैं। पुलिस बल की भारी तैनाती और वाहनों की जाँच के कारण, चंडीगढ़-जीरकपुर मार्ग पर जीरकपुर की ओर लगभग 2 किलोमीटर लंबा जाम है।