देश में पिछले 14 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन अब एक नया रंग लेने वाला है। बीते दिन बुधवार को किसानों केंद्र सरकार की तरफ से कृषि कानून पर संसोधन का प्रस्ताव भेजा गया था, जो किसानो द्वारा खारिज कर दिया गया। साथ ही किसान नेताओं ने अपने बयान में एक बात साफ़ कर दिया कि कृषि कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने अपने आंदोलन की रूप रेखा भी जारी दी है।
बता दे कि 8 दिसंबर की शाम में देश के ग्रह मंत्री अमित शाह और किसानों के बीच 2 घंटे की बैठक संपन्न हुई थी, जिसमें यह तय हुआ था कि सरकार नायर कृषि कानून में बदलाव करेगी। इसी कड़ी में बीते दिन यानी 9 दिसंबर की सुबह किसानों को सरकार की तरफ से बदलाव का प्रस्ताव भेजा था। जिस में सरकार की ओर से मिले प्रस्ताव के बाद किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग की। इस बैठक के बाद किसानों ने सरकार के प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। और फिर किसानों ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और आगे के आंदोलन की जानकारी दिया।
यह है किसानों का आगे का प्लान
- किसानों ने प्रेस कांफ्रेंस करके अपने आगे का प्लान बताया।
- रिलायंस के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने का ऐलान
- 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा
- दिल्ली की सड़कों को करेंगे जाम
- दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाइवे को 12 दिसंबर को रोका जाएगा
- पूरे देश में आंदोलन तेज होगा
- सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा
- 14 दिसंबर को बीजेपी के ऑफिस का घेराव होगा
- 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा
- 12 दिसंबर को सभी टोल प्लाजा फ्री करेंगे
- कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा
- दिल्ली और आसपास के राज्यों से ‘दिल्ली चलो’ की हुंकार भरी जाएगी